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आपरेशन सिंधु: युद्धग्रस्त ईरान से अब तक 827 भारतीयों की वतन वापसी, इसमें छात्र और तीर्थ यात्री शामिल

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नयी दिल्ली। इजराइल-ईरान के बीच बीते 8 दिनों से भीषण जंग जारी है। ऐसे में भारत ने ईरान में फंसे भारतीयों का रेस्क्यू करना करना शुरू कर दिया है। आपरेशन सिंधु के तहत अब तक 827 भारतीय नागरिकों की ईरान से वतन वापसी कराई गई है। यह जानकारी शनिवार को विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। बता दें कि भारत ने बुधवार को ईरान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ‘आॅपरेशन सिंधु’ शुरू करने की घोषणा की थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में निकासी अभियान के बारे में जानकारी साझा की। इजराइल-ईरान संघर्ष तेज होने के कारण तेहरान से सुरक्षित निकाले गए और भी भारतीय नागरिक शुक्रवार देर शाम तथा शनिवार तड़के दिल्ली पहुंचे। इनमें छात्र भी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर लिखा, आॅपरेशन सिंधु के तहत उड़ान भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाई है। भारत ने विशेष विमान के जरिये छात्रों और तीर्थयात्रियों समेत 290 भारतीय नागरिकों को ईरान से सुरक्षित लाया है। यह विमान 20 जून को रात साढ़े11 बजे नयी दिल्ली पहुंचा और सचिव (सीपीवी और ओआईए) अरुण चटर्जी ने स्वदेश आये लोगों का स्वागत किया।

उन्होंने कहा, आॅपरेशन सिंधु जारी है। ईरान से भारतीयों को लेकर रवाना हुआ विशेष निकासी विमान बीती रात तीन बजे तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से नयी दिल्ली पहुंचा। इसके साथ ही, आॅपरेशन ंिसधु के तहत ईरान से अब तक 517 भारतीय नागरिक स्वदेश लौटे हैं। ईरान से सुरक्षित रूप से निकाले गए 110 भारतीय नागरिकों का पहला समूह गुरुवार को भारत पहुंचा था। कई लोगों ने वहां की भयावह स्थिति के बारे में अपनी आपबीती बताई।

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इन लोगों के दिल्ली हवाई अड्डा पर पहुंचने पर उनका स्वागत किया। शाम को एक अन्य पोस्ट में जायसवाल ने एक अलग निकासी विमान के आगमन की जानकारी दी। उन्होंने कहा, आॅपरेशन ंिसधु के तहत मशहद से एक और निकासी विमान 21 जून को शाम साढ़े चार बजे ईरान से 310 भारतीय नागरिकों के साथ नयी दिल्ली पहुंचा। इसके साथ ही कुल 827 भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसके अलावा, ईरान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, नेपाल और श्रीलंका की सरकारों के अनुरोध पर, ईरान में भारतीय दूतावास के निकासी प्रयासों में नेपाल और श्रीलंका के नागरिक भी शामिल किये जाएंगे।

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