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शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने पर जोर: मप्र के सरकारी स्कूलों में लगेगी आनलाइन अटेंडेंस, ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों को चुकानी पड़ेगी कीमत

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भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगातार व्यवस्थाओं में बदलाव किए जा रहे हैं। मान्यता नियमों में संशोधन के बाद अब विभाग ने सरकारी स्कूलों में आॅनलाइन हाजिरी अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह हाजिरी शिक्षक एम शिक्षा मित्र एप पर लगाई जाएगी। इसे 10 जून से लागू करने की तैयारी की गई है।

विभाग अब एम शिक्षा मित्र व सार्थक ऐप की कनेक्टिविटी कर शिक्षकों की आॅनलाइन अटेंडेंस लगाएगा। इससे शिक्षकों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगेगी, यानी शिक्षकों की उपस्थिति चेहरा दिखाकर लगाई जाएगी। इस बार आॅनलाइन अटेंडेस नहीं लगाने पर शिक्षकों का वेतन काटने की भी तैयारी की गई है। हालांकि अटेंडेंस लगाने की शुरूआत में इससे शिक्षकों को छूट रहेगी। बता दें कि आॅनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन व नरसिंहपुर में शुरू किया गया है। फिलहाल यह व्यवस्था दो जून को स्कूल खुलने के साथ शुरू की गई है। पहले दिन उज्जैन जिले में सॉफ्टवेयर की परेशानियों के चलते कई शिक्षकों की अटेंडेंस नहीं लग पाई। विभाग के अफसरों ने इसे दूर करने के निर्देश दिए है। उज्जैन व नरसिंहपुर में ट्रायल के बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा।

शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। मंत्री स्कूल शिक्षा राव उदय प्रताप सिंह भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में कुछ शिक्षक पढ़ाने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोग पढ़ाने जाते हैं। कुछ शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं।

चार साल पहले एम शिक्षा मित्र ऐप तैयार किया था
स्कूल शिक्षा विभाग ने चार साल पहले एम शिक्षा मित्र ऐप तैयार किया था। इस ऐप के माध्यम से आॅनलाइन अटेंडेंस लगाने की व्यवस्था शुरू की गई, लेकिन ऐप की कुछ खामियों के चलते इसे पूर्ण रूप से सफलता नहीं मिल पाई। एक अप्रैल को स्कूल शिक्षा मंत्री ने आॅनलाइन अटेंडेंस को पुख्ता तरीके लागू करने के लिए कहा था। लेकिन तकनीकी खामियों अटेंडेंस की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी। अब विभाग ने लगभग इसकी पूरी तैयारियां कर ली है। इसे 9 या 10 जून से लागू किया जाएगा।

बिना नेटवर्क के भी काम करने में सक्षम
ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या को देखते हुए एम शिक्षा मित्र ऐप से अटेंडेंस लगाना शुरू किया था। इस ऐप के माध्यम से अगर हाजिरी लगाते समय नेटवर्क न मिले तो भी हाजिरी भरी जाएगी। जैसे ही मोबाइल में नेटवर्क मिलेंगे हाजिरी अपडेट हो जाएगी। साथ ही सार्थक ऐप की कनेक्टिविटी से चेहरा दिखाकर अटेंडेंस लग सकेगी।

लोकेशन के साथ अन्य काम भी करेगा एप
सार्थक ऐप केवल कर्मचारी की लोकेशन के साथ-साथ और कई महत्वपूर्ण कार्य भी करेगा। विभाग की नई व्यवस्था में कर्मचारी व शिक्षक छुट्टी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे और मप्र शासन से किसी भी प्रकार का पत्राचार इस एप से हो जाएगा। सार्थक मध्य प्रदेश सरकार का पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन है, जिससे अब शिक्षकों को पत्रचार करने संबंधी परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।

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