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दिल्ली में कोरोना से हुई एक और मौत

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दिल्ली में कोरोना से 22 साल की युवती की मौत हो गई। मरीज पहले से कई बीमारियों से पीड़ित थी। इलाज के दौरान संक्रमण होने के कारण उसकी समस्या बढ़ी। धीरे-धीरे स्थिति खराब होने के बाद मरीज ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डाटा के अनुसार 24 घंटे में 22 साल की एक युवती ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया। युवती पुरानी सांस संबंधित बीमारी का इलाज करवा रही थी। उसमें पोस्ट ट्यूबरकुलोसिस (टीबी ठीक होने के बाद समस्या) फेफड़ों की बीमारी के अलावा द्विपक्षीय निचले श्वसन नली में संक्रमण भी था। पहले से स्थिति गंभीर होने के कारण कोरोना ने स्थिति को और जटिल बना दिया।

डाटा के अनुसार दिल्ली में एक जनवरी से अभी तक चार मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया है। दिल्ली में एक जनवरी से अभी तक कोरोना के 483 मरीज सामने आ चुके हैं। रविवार को दिल्ली में 47 नई मरीज सामने आए। दिल्ली में कुल मरीजों में से 439 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। वहीं रविवार को 82 मरीजों को छुट्टी दी गई।

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोविड वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने बताया कि अस्पताल में कोरोना के मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। वार्ड में 9 बिस्तर की व्यवस्था है। इसे जरूरत के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में अभी तक कोरोना के चार मरीजों को भर्ती किया गया। यह सभी मरीज पहले से यहां किसी अन्य बीमारी का इलाज करवा रहे थे। इन सभी मरीजों की रिपोर्ट कोविड नेगेटिव आने के बाद छुट्टी दे दी गई है। मौजूदा समय में अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं है।

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही निजी अस्पतालों का भी सहयोग लिया गया है। मरीजों को फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तर, दवा सहित अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कर दिए गए है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को फिलहाल हल्के में ना लें। यदि लक्षण दिखाई देते हैं तो सतर्कता बरते। ऐसा करने से घर के बुजुर्ग और गंभीर मरीज सुरक्षित रह सकते हैं। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद या देखने में आया है कि लोगों में छोटी बीमारियां भी लंबे समय तक चल रही है। खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में दिक्कत सहित हल्के लक्षण भी महीनों तक मरीजों को परेशान कर रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि यदि किसी में कोविड के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। उचित इलाज कराएं। साथ ही कोविड नियमों का पालन करें। ऐसा करने से वह खुद भी सुरक्षित रहेंगे और समाज के दूसरे सदस्यों को भी सुरक्षित रख सकेंगे।

डॉक्टर का कहना है कि यदि कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो सतर्क हो जाना चाहिए। यदि आपकी इम्यूनिटी मजबूत है तब भी कोशिश करना चाहिए कि घर में आइसोलेट रहें। ऐसा करने से घर के बुजुर्ग और बीमार लोग इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं। कोरोना का नया वेरिएंट हल्का है। या सामान्य लोगों पर असर नहीं करेगा लेकिन उनके माध्यम से दूसरों को संक्रमित जरूर कर सकता है।

डॉक्टरों ने कहा कि भीड़-भाड़ वाले जगहों पर मास्क का प्रयोग करना चाहिए। हो सकता है कि कोरोना से आप के शरीर पर कोई असर न पड़े, लेकिन आप के माध्यम से यदि कोरोना गंभीर मरीज को, बुजुर्ग या दूसरे कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले तक पहुंच जाता है तो उसके लिए संकट हो सकता है। ऐसे मरीज गंभीर हो सकते हैं। ऐसे मरीजों का इलाज भी जटिल हो सकता है। दिल्ली में कोरोना से जान गंवाने वाले मरीज भी दूसरी बीमारी से पीड़ित थे।

वल्लभभाई पटेल चेस्ट अस्पताल के निदेशक डॉ. राजकुमार का कहना है कि सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों को कोविड से विशेष रूप से बचकर रहना चाहिए। मौजूदा समय में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। इस दौरान अस्थमा सहित सांस के मरीजों को सख्ती से कोविड नियमों का पालन करना चाहिए। उन्हें बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। समय-समय पर हाथ धोते रहना चाहिए। वहीं अन्य डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी प्रकार की रोगी को कोरोना के मरीजों से बचकर रहना चाहिए।

नेशनल मेडिकल फोरम और दिल्ली अस्पताल फोरम के अध्यक्ष डॉ. प्रेम अग्रवाल ने कहा कि कोविड का नया वेरिएंट हल्का जरूर है, लेकिन गंभीर मरीज और जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनके लिए यह काफी खतरनाक है। कोविड के कारण मरीज की समस्या काफी गंभीर हो सकती है।

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