भोपाल। देशभर में अब ड्रोन, सैटेलाइट और जीआईएस जैसी उन्नत तकनीकों से शहरों की जमीन का सर्वे किया जाएगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि आज से देशभर के शहरी बस्तियों के भूमि सर्वेक्षण (नक्शा) पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। सिटी सर्वेक्षण प्रोग्राम का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन उड़ाकर किया। राष्ट्रीय कार्यक्रम मप्र के रायसेन जिले में आयोजित किया गया। रायसेन से देश के 26 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में शहरी भूमि सर्वेक्षण नक्शा पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया
इस दौरान मुख्यमंत्री और केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा नक्शा पायलट कार्यक्रम के तहत एसओपी पुस्तिका एवं नक्शा फ्लायर का विमोचन भी किया गया। साथ ही नक्शा कार्यक्रम और वॉटरशेड कार्यक्रम का वीडियो भी लांच किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि आज रायसेन की धरती से राष्ट्रीय स्तर पर शहरी बस्तियों के भूमि सर्वेक्षण (नक्शा) पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। सरकार की यह पहल शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को सशक्त और उनके जीवन को आसान बनाएगी। साथ ही शहरी नियोजन को बढ़ाएगी और भूमि संबंधी विवादों को कम करेगी।
जमीन सबसे मूल्यवान संपत्ति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूमि सबसे मूल्यवान सम्पत्ति होती है, इसलिए सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता के लिए सटीक और पारदर्शी रिकार्ड होना जरूरी है। नक्शा कार्यक्रम से शहरी क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराकर भूमि अभिलेखों का निर्माण और आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिससे भूमि स्वामित्व की पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, सांची विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी, भोजपुर विधायक श्री सुरेन्द्र पटवा, पूर्व मंत्री श्री रामपाल सिंह उपस्थित थे।
पीएम मोदी के नेतृत्व में लैंड रिकॉर्ड के क्षेत्र में शुरू हुई क्रांति : शिवराज
वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि आज रायसेन में जो कार्यक्रम हो रहा है, वह केवल रायसेन और प्रदेश का नहीं, पूरे देश का कार्यक्रम है। आज रायसेन से देश के 26 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में शहरी भूमि सर्वेक्षण नक्शा पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वे होगा और नक्शा बनाकर भूमि स्वामी को दिया जाएगा। नक्शा नहीं होने से कई परेशानियां होती हैं। अब नागरिकों के पास उनकी जमीन का व्यवस्थित रिकॉर्ड होगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लैंड रिकॉर्ड के क्षेत्र में क्रांति शुरू हुई है।
जल-जमीन से ही हमारी जिंदगी
शिवराज ने कहा कि आज पूरे मध्यप्रदेश में वॉटरशेड का कार्यक्रम शुरू हो रहा है। जल जीवन का आधार है और जल, जमीन से ही हमारी जिंदगी है। आज भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है, जिन कुओं में कभी 30 से 50 फीट पर पानी रहता था, आज वहाँ पानी 100 फीट से नीचे चला गया है। इस पानी को रोकने के लिए यह वॉटरशेड योजना शुरू की गयी है। इससे खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में रोकने के लिए चेक डेम, स्टॉप डेम, बोरी बंधान सहित अनेक जल संरचनाएं बनेंगी। इसके लिए 8 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अच्छा काम करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह पीएम का विजन है। पानी बचाना जरूरी है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान करते हुए कहा कि वॉटरशेड अभियान में सहभागी बनकर अपना योगदान दें।
वाटरशेट यात्रा का मप्र में शुभारंभ
रायसेन में आयोजित शहरी भूमि सर्वेक्षण नक्शा पायलट प्रोजेक्ट के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव, केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान एवं केन्द्रीय ग्रामीण विकास और संचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी द्वारा हरी झण्डी दिखाकर वॉटरशेड यात्रा का मध्यप्रदेश में शुभारंभ किया। इस यात्रा से प्रदेश के 36 जिलों, 1268 गांवों और 73 ब्लॉक में मिट्टी-जल संरक्षण और वॉटरशेड संरचनाओं के विकास के प्रति आमजन को जागरुक किया जाएगा।