केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार निजी वाहनों के लिए ‘फास्टैग’ आधारित वार्षिक ‘पास’ जारी करने वाली है। जिसकी कीमत 3,000 रुपये होगी। उन्होंने कहा कि यह 15 अगस्त से प्रभावी होगा जिससे राजमार्गों पर बिना किसी परेशानी के यात्रा करना संभव हो पाएगा। गडकरी ने अब इस पास के फायदे भी गिनाए हैं।
गडकरी ने कहा कि, सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से लोग बहुत बड़े पैमाने पर यात्रा कर सकेंगे। पहले लोगों को कम से कम 10,000 रुपये का टोल देना पड़ता था। अब नए पास की कीमत केवल 3000 रुपये है, जिससे सालाना 200 ट्रिप की वैधता मिलती है। एक ट्रिप का मतलब है एक टोल पार करना। इसका फायदा यह है कि 200 टोल पार किए जा सकेंगे, जिससे प्रति टोल क्रॉसिंग औसतन 15 रुपये का खर्च आएगा।
इसका मतलब है कि लोगों को हर साल 7000 रुपये की बचत होगी। हमारी नई प्रणाली के शुरू होने से टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत खत्म हो जाएगी। जो लोग पहले रुकते थे, उन्हें इस योजना का फायदा मिलेगा। यह योजना केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होती है और 15 अगस्त से शुरू होगी।
गडकरी ने कहा कि यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाजा के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करती है और एकल, किफायती लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सरल बनाती है। मंत्री ने कहा, प्रतीक्षा समय, भीड़भाड़ को कम करके तथा टोल प्लाजा पर विवादों को न्यूनतम करके इस वार्षिक ‘पास’ का उद्देश्य लाखों निजी वाहन मालिकों को तीव्र एवं सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करना है।
गडकरी की इस घोषणा के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिनके पास पहले से ही फास्टैग है, उन्हें नया फास्टैग खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। मंत्रालय ने कहा, वार्षिक ‘पास’ को आपके मौजूदा ‘फास्टैग’ पर सक्रिय किया जा सकता है, बशर्ते कि यह पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो (अर्थात, यह वाहन के विंडशील्ड पर ठीक से चिपका हुआ हो, वैध वाहन पंजीकरण संख्या से जुड़ा हो, ब्लैकलिस्टेड न हो आदि)।
वार्षिक ‘पास’ केवल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे (एनई) टोल प्लाजा पर ही मान्य है। राज्य सरकारों या स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित एक्सप्रेसवे, राज्य राजमार्गों (एसएच), आदि टोल प्लाजा पर फास्टैग एक नियमित फास्टैग के रूप में काम करेगा और लागू उपयोगकर्ता शुल्क लागू हो सकते हैं। राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि वार्षिक ‘पास’ केवल निजी गैर-वाणिज्यिक कार/जीप/वैन के लिए ही लागू है। किसी भी वाणिज्यिक वाहन के लिए इस्तेमाल किए जाने पर बिना किसी सूचना के इसे तत्काल निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वार्षिक पास अनिवार्य नहीं है और मौजूदा फास्टैग प्रणाली हमेशा की तरह काम करती रहेगी, जो उपयोगकर्ता वार्षिक पास का विकल्प नहीं चुनते हैं, वे टोल प्लाजा पर लागू उपयोगकर्ता शुल्क दरों के अनुसार नियमित लेनदेन के लिए अपने फास्टैग का इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं।