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बाबा साहेब की मौत के बाद भी उनसे बैर रखते थे नेहरू, कांग्रेस की संविधान रैली पर मोहन का हमला, वसुंधरा ने भी खूब कोसा

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इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के साथ हमेशा भेदभाव किया और उन्हें चुनाव हराने के लिए लगातार प्रयास किए। बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी पं. नेहरू उनसे द्धेष रखते थे। सीएम ने कांग्रेस और नेहरू पर यह हमला मंगलवार को इंदौर में डॉ. अंबेडकर सम्मान अभियान के तहत आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करने के दौरान बोला। इस दौरान मंच पर में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट भी मौजूद थे।

सीएम डॉ. यादव ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने बाबा साहब के साथ हमेशा भेदभाव किया। जब यह तय हो गया कि बाबा साहब ही संविधान सभा के अध्यक्ष होंगे, तो पं. नेहरू ने इसे लंबे समय तक टाला। वहीं, चुनाव में अंबेडकर जी को हराने में लगे रहे। उन्होंने कहा कि जीवित रहते हुए तो मनमुटाव हो सकता है, लेकिन मृत्यु के उपरांत तो भेदभाव और रंजिश छोड़ देना चाहिए। लेकिन पं. नेहरू ने बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी उनसे द्वेष रखा और दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार नहीं होने दिया।

संविधान यात्रा निकालने का ढोंग कर रही कांग्रेस
यही नहीं जिस विमान से बाबा साहब की पार्थिव देह मुंबई भेजी गई, उसका किराया चुकाने के लिये भी बाबा साहब की पत्नी को बिल थमा दिया गया। बाबा साहब के साथ इतना द्वेष पूर्ण व्यवहार करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के नाम पर ही वोट मांग रही है, संविधान यात्रा निकालने का ढोंग कर रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम ने कहा कि बाबा साहब ने समाज को शिक्षित एवं जागरूक बनाने के लिए लड़ाई शुरू की। बाबा साहब का सरनेम सकपाल था, लेकिन उन्होंने अपने ब्राह्मण गुरु के सरनेम अंबेडकर को जीवन भर अपने नाम के साथ रखा।

हम सभी के नेता थे बाबा साहब: वसुंधरा
वहीं संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर सिर्फ दलितों के नेता नही थे, बल्कि वे हम सभी के नेता थे। उनका कहना था कि शिक्षा बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा था कि हम में से कोई किसी भी जाति का हो, कोई भी काम करता हो, लेकिन हम सब बराबर हैं। ईश्वर भी किसी से भेदभाव नहीं करते और वे सभी के हैं। उन्होंने कहा कि आज देश के हर गरीब, हर पिछड़े व्यक्ति के मन में यह आत्मविश्वास है कि जिन्होंने देश का संविधान बनाया, वो बाबा साहब हमारे बीच से ही थे। यह आत्मविश्वास बाबा साहब ने ही जगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब की हमेशा ही उपेक्षा की। कांग्रेस ने उन्हें दलित माना, जबकि भाजपा ने उन्हें ललित मानकर सम्मान दिया।

कांग्रेस ने बाबा साहब को हराने में पूरी ताकत लगा दी थी
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब को चुनाव हराने के लिए उस समय के मशहूर क्रिकेटर को चुनाव में उतारा, लेकिन जीत सच्चाई की हुई। कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी बाबा साहब को हराने में, लेकिन बाबा साहब जीते। बाबा साहब सच की आवाज थे। लेकिन बाबा साहब ने कांग्रेस सरकार के तौर तरीकों से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया। उनकी मृत्यु के बाद भी कांग्रेस ने दिल्ली में उनका दाह संस्कार नहीं होने दिया जबर्दस्ती मुंबई में दाह संस्कार करवाया।

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