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नेशनल हेराल्ड घोटाला मामला: कांग्रेस के प्रोटेस्ट पर वीडी का पलटवार, बोले- चोरी ऊपर से सीनाजोरी

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भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सोनिया गांधी के खिलाफ दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। जिसको लेकर सियासत गर्म हो गई है। मप्र कांग्रेस ने बुधवार को ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा ने भी जोरदार पलटवार किया। प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा झूठ, छल-कपट की राजनीति करती रही है और नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर उसका विरोध प्रदर्शन भी “चोरी और सीनाजोरी” का उत्कृष्ट उदाहरण है।

वीडी ने कहा- नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम आना पूरी तरह से तकनीकी और कानूनी मामला है। इसलिए कांग्रेस को ईडी और आयकर जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर प्रदर्शन के माध्यम से दबाव डालने का प्रयास करने की बजाय उसे तकनीकी और कानूनी आधार पर अपना पक्ष अदालत में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले की शुरूआत 2012 में हुई थी, उस समय देश में कांग्रेस की ही सरकार थी। एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2013 में इस मामले में सुनवाई शुरू की और 2013 में ही नेशनल हेराल्ड मामले में केस दर्ज हुआ। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार नहीं थी, बल्कि कांग्रेस की ही सरकार थी।

इस मुद्दे पर राजनीति करना औचित्यहीन
ऐसे में कांग्रेस के मित्रों से मैं यह पूछना चाहता हूं कि ईडी की चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं सैम पित्रोदा आदि के जो नाम आए हैं, तो इनके खिलाफ षडयंत्र किसने किया? चूंकि यह मामला मोदी सरकार के आने के पहले का है, इसलिए कांग्रेस पार्टी का इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। शर्मा ने कहा कि तकनीकी दृष्टिकोण से देखें तो यह भारत के इतिहास का एक ऐसा विचित्र मामला है, जिसमें 90 करोड़ रुपए की देनदारी वाली कंपनी हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति वाली कंपनी बन गई।

तो अखबारों के बंद होने की नहीं आती नौबत
शर्मा ने कहा कि इस कंपनी के 76 प्रतिशत शेयर यानी तीन-चौथाई स्वामित्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास था। हास्यास्पद बात यह है कि इस कंपनी के बारे में तय किया गया कि जब प्रकाशन का काम बंद हो जाएगा, तो कंपनी प्रापर्टी व्यवसाय में काम करेगी। मैं कांग्रेस के मित्रों से यह पूछना चाहता हूं कि नेशनल हेराल्ड की स्थापना पं. जवाहरलाल नेहरू ने की थी। आजादी के बाद छह दशकों तक देश में कांग्रेस की सरकारें रहीं, ऐसे में पं. नेहरू द्वारा स्थापित तीनों अखबार किस तरह घाटे में आ गए? क्या कांग्रेस की सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इनका कोई सहयोग नहीं किया? अगर कांग्रेस के 10 प्रतिशत कार्यकर्ता भी नवजीवन, नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज अखबार खरीदते रहते, तो उनके बंद होने की नौबत नहीं आती।

काले धन को सफेद करने का माध्यम था नेशनल हेराल्ड
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। देश में जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए कई अखबार और चैनल आए तथा चल भी रहे हैं। ऐसे में एक ऐसा अखबार जिस पर कांग्रेस की सरकारों का पूरा आशीर्वाद रहा, वो क्यों नहीं चल सका? श्री शर्मा ने कहा कि यह अखबार परोक्ष रूप से काले धन को सफेद करने और कांग्रेस के भ्रष्टाचार का माध्यम ही था। उन्होंने कहा कि इस मामले में नैतिक और तकनीकी आधार पर कांग्रेस के दावे बहुत खोखले तथा आधारहीन हैं। इस मामले में कांग्रेस को धरना-प्रदर्शन करने का कोई अधिकार नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि धरना प्रदर्शन की बजाय कांग्रेस पार्टी को जिन तथ्यों के आधार पर श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम चार्जशीट में आया है, उन तथ्यों को देश की जनता के सामने रखना चाहिए। कांग्रेस पार्टी में बहुत बड़े वकील हैं और उसे कानूनी तथा तकनीकी आधार पर अपना पक्ष अदालत के सामने रखना चाहिए।

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