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नागपुर को कर्फ्यू से मुक्ति, हिंसा के 6 दिन बाद मिली राहत, संवेदनशील इलाकों पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर

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नागपुर। नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के 6 दिन बाद यानि रविवार को शहर से कर्फ्यू हटा लिया गया है। की हिंसा के बाद शहर के कई इलाके में लगे कर्फ्यू को अब पूरी तरह से हटा लिया गया है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि रविवार तक गणेशपेठ और यशोधरा नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में लगे प्रतिबंध भी हटा दिए गए हैं। इससे पहले शनिवार को शहर के पचपावली, शांतिनगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामवाड़ा इलाकों से कर्फ्यू हटाया गया था।

शुरूआत में, नंदनवन और कपिलनगर क्षेत्रों से प्रतिबंध हटाए गए थे। इसके बाद पंचपावली, शांतिनगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामवाड़ा से कर्फ्यू हटाया गया था। पूरी तरह से हटाए जाने से पहले, कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू की शर्तों में ढील दी गई थी, जिससे लोगों को कुछ घंटों के दौरान जरूरी खरीदारी करने की इजाजत दी गई थी। अब रविवार से सभी क्षेत्रों को कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया है।

संवेदनशील इलाकों में तैनात रहेगा स्थानीय पुलिस बल
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने रविवार को दोपहर 3 बजे से बाकी बचे कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर पुलिस थाना इलाकों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी। एक अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त जारी रहेगी और स्थानीय पुलिस बल तैनात रहेगा।

हिंसा में 3 डीसीपी समेत 33 पुलिसकर्मी हुए थे घायल
हिंसा सोमवार रात नागपुर के मध्य क्षेत्रों में उस समय भड़क उठी, जब अफवाहें फैलीं कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा मुगल सम्राट औरंगजेब की समाधि को हटाने की मांग को लेकर किए गए विरोध के दौरान एक धार्मिक शिलालेख वाली चादर जला दी गई। हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस हिंसा में तीन डीसीपी रैंक के अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने अब तक हिंसा से जुड़े 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

उपद्रवियों को चेता दिया है सीएम फडणवीस ने
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि नागपुर में हुई हिंसा के दौरान हुई तोड़फोड़ और संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से कराई जाएगी और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि हिंसा फैलाने वाले नुकसान की भरपाई नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त कर नीलाम की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा के दौरान पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिंसा में शामिल लोगों की पहचान, कई गिरफ्तार
नागपुर शहर में हुई हिंसा में शामिल लोगों की स्थानीय पुलिस पहचान कर रही है, और उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा रहा है। नागपुर पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए दर्जनों आरोपियों की पहचान की गई है। नागपुर पुलिस ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में 105 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें कुछ नाबालिग को भी पकड़ा गया है। स्थानीय पुलिस साइबर सेल और सोशल मीडिया की भी जांच कर रही है। मसलन, नागपुर में हुई हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, और इससे पहले हिंदू संगठनों द्वारा किए गए प्रदर्शनों के वीडियोज भी सोशल मीडिया पर सामने आए थे।

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