भोपाल। मध्यप्रदेश के कॉलेज-विश्वविद्यालयों में रैगिंग के मामले थम नहीं रहे हैं। हालात यह है कि बीते डेढ़ माह में करीब 120 शिकायतें दर्ज हुई हैं। जिसमें सबसे अधिक 30 शिकायतें केवल मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में दर्ज हुई हैं। इसके अलावा राजधानी के तीन प्रमुख संस्थान राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (आरजीपीवी), मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) और बरकतउल्ला विवि (बीयू) भी इसमें पीछे नहीं हैं। यहां लगभग 7-7 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
हेल्पलाइन में दर्ज 120 शिकायतों में 15 शिकायतें छात्राओं ने दर्ज कराई हैं। शेष शिकायतें जूनियर छात्रों ने सीनियर के खिलाफ दर्ज की हैं। रैगिंग लेने में छात्राएं भी पीछे नहीं रही हैं। उन्होंने अपनी जूनियर छात्राओं को प्रताड़ित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। वर्तमान में एक प्रकरण हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। इसमें छात्रा से एमबीबीएस की सीट छोड़ने पर कॉलेज ने 30 लाख रुपए की मांग कर दी है।
औसतन हर चैथे दिन में रैगिंग की शिकायत
एंटी रैगिंग हेल्पलाइन के आंकड़ों के अनुसार 15 महीने में दर्ज रैगिंग के 120 प्रकरण यानि औसतन हर चैथे दिन में रैगिंग की शिकायत दर्ज हुई है। वर्ष 2024 में 12 माह में करीब 80 और वर्ष 2025 के चार माह में करीब 40 शिकायतें दर्ज हुई हैं।
हेल्पलाइन में 112 शिकायतों के निराकरण
हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों में 112 का निराकरण किया जा चुका है। शिकायतों का निराकरण करने के लिए सीनियर छात्रों को दंडित किया गया। कुछ प्रकरणों में उन्हें समझाइश देकर छोड़ा गया है। यहां तक कि उनसे और उनके पालक से शपथ पत्र तक लिए गए हैं। आठ प्रकरणों में अभी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। बीयू में हुई रैगिंग की शिकायत में दस विद्यार्थियों को दो माह के लिए हास्टल से निलंबित किया गया है।