भोपाल। मप्र में कांग्रेस अपने विधायकों व पदाधिकारियों के नये तेवर व अंदाज देना चाहती है। सूबे में लगातार हार का मुंह देख रही कांग्रेस चुनाव के तीन साल पहले कई तैयारी कर रही है। इस कड़ी में मांडू में कांग्रेस के विधायकों को दो दिन तक ट्रेनिंग खासी महत्वपूर्ण है। अलग-अलग मामलों के एक्सपर्ट विधायकों को प्रशिक्षण देंगे। इस ट्रेनिंग कैम्प को नव संकल्प शिविर नाम दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चैधरी की निगरानी में विधायकों की ट्रेनिंग होगी। इसके लिये विधायक 20 जुलाई को मांडू पहुंचेंगे। इसके बाद 21 और जुलाई को लगभग 12 सत्रों में विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक सबसे पहले इस ट्रेनिंग का उद्देश्य, महत्व, विषय परिचय विधि और प्रतिभागी विधायकों से अपेक्षाओं के बारे में बताया जाएगा। इस सत्र को मप्र कांग्रेस के प्रशिक्षण विभाग के अध्यक्ष महेन्द्र जोशी संबोधित करेंगे। तीसरे सत्र में कांग्रेस की विचारधारा, पार्टी के इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन और आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी की भूमिका के बारे में बताया जाएगा। इस सत्र में स्वतंत्रता के आंदोलन से लेकर देश के विकास में स्थापित किए गए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और स्वतंत्रता के बाद से लेकर अब तक की चुनौतियों के बारे में बताया जाएगा। पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन इस सत्र को संबोधित करेंगी।
चौथे सत्र में इन पर होगी चर्चा
भारतीय संविधान का महत्व और संविधान निर्माण में कांग्रेस की भूमिका पर चौथे सत्र में चर्चा होगी। पांचवां सत्र संगठन के महत्व पर केंद्रित होगा। संगठनात्मक कौशल और प्रक्रिया को भी विधायकों से साझा किया जाएगा। मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों और कार्यकर्ताओं की भूमिका को भी चैधरी विधायकों के बीच रखेंगे। बताया जाता है कि प्रशिक्षण के छठवें सत्र में राहुल गांधी के जातिगत जनगणना के अभियान और उसके महत्व के बारे में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी संबोधित करेंगे। पटवारी बताएंगे कि जातिगत जनगणना के इस मूवमेंट पर पार्टी की मप्र में क्या रणनीति है और विधायकों को प्रदेश में जनता के बीच बताने पर चर्चा होगी।