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मुरैना: अवैध शराब के कारोबार में लिप्त दो गुटों के बीच चली गोलियां, दो की गई जान, सरकार पर बरसे सिंघार

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मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना से एक बड़ी खबर सामने आई है। सिहोनिया थाना क्षेत्र स्थित भाई खां का पुरा गांव में सोमवार सुबह अवैध शराब के कारोबार में लिप्त दो गुटों के बीच जमकर गोलियां चली हैं। इतना ही नहीं, गोली लगने से दो लोगों की मौत भी हो गई है। मृतक चाचा-भतीजे हैंं। मुरैना शहर कोतवाली के थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों मृतकों पोस्ट मार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं मामले की जांच के बाद केस दर्ज किया जाएगा।

थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक मिरघान गांव निवासी बंटी भदौरिया (39) और भोला भदौरिया (23) रिश्ते में चाचा-भतीजे थे, जिन्हें शराब कारोबार से जुड़े दूसरे गुट के लोगों ने गोली मारी है। मृतक के गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस के मुताबिक, बंटी को जानकारी मिली थी कि सिहोनिया थाना क्षेत्र के भाई खां का पुरा गांव में कोई अवैध शराब लेकर आ रहा है।

राजा परमार के नाम पर है शराब का ठेका
पुलिस ने बताया कि बंटी अपने भतीजे के साथ जब वहां पहुंचा तो यहां अवैध शराब कारोबार से जुड़े दूसरे गुट के प्रदीप तोमर, लुक्का तोमर और ललकी पंडित पहले से मौजूद थे। उन्होंने बताया कि अवैध शराब के कारोबार को लेकर दोनों गुटों में विवाद हो गया और दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी में बंटी और उसके भतीजे भोला की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक मुरैना जिले में शराब का ठेका राजा परमार नाम के कारोबारी के पास है।

अवैध शराब के कारोबार को लेकर पहले भी हो चुकी थी झड़प
पुलिस ने बताया कि बंटी भदौरिया अपने भतीजे भोला भदौरिया के साथ मिलकर कथित रूप से अवैध शराब का गिरोह चलाता था जबकि विरोधी गुट के प्रदीप तोमर, लुक्का तोमर और ललकी पंडित भी कथित रूप से अवैध शराब का कारोबार करते हैं। पुलिस ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले भी कई बार झड़प हो चुकी है।

मप्र में जंगलराज चरम पर: सिंघार
वहीं घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश की भाजपा-नीत सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘मध्यप्रदेश में जंगलराज चरम पर है’। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, मुरैना के सिहोनिया में अवैध शराब माफिया ने चाचा-भतीजे को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया, क्योंकि उन्होंने अवैध शराब से लदी गाड़ी को रोकने की हिम्मत की। प्रदेश में ऐसी घटनाओं से यह साफ है कि माफिया को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। सिंघार ने कहा, भाजपा राज में ना जनता सुरक्षित है, ना न्याय व्यवस्था। गृह मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री जी के पास है, इसके बावजूद माफिया बेलगाम क्यों हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही भाजपा का सुशासन है।

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