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मोदी कैबीनेट का फैसला, किसानों को 1350 में मिलेगी डीएपी की बोरी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर खरीफ सीजन, 2025 (01.04.2025 से 30.09.2025 तक) के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। खरीफ सीजन 2025 के लिए बजटीय आवश्यकता लगभग 37,216.15 करोड़ रुपये होगी। यह रबी सीजन 2024-25 के लिए बजटीय आवश्यकता से लगभग 13,000 करोड़ रुपये अधिक है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस  फैंसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से कहा कि मोदी सरकार निरन्तर किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास में लगी है।

किसानों की आय बढ़ाने के साथ उत्पादन बढ़ाना भी ज़रूरी है और उत्पादन बढ़ाने के लिए फर्टिलाइजर/खाद की आवश्यकता पर भी ध्यान देना होगा। उत्पादन बढ़ने के साथ ही फर्टिलाइजर की कीमतें भी नियन्त्रित रहे, यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता रही है। किसानों पर फर्टिलाइजर विशेषकर डीएपी की बढ़ी हुई लागत का बोझ न आये इसलिए सरकार बढ़ी हुई कीमतों का भार उठाने के लिए विशेष पैकेज देती है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसान हितैषी ने 1350 रूपये प्रति बोरी कीमत तय की है ताकि किसानों को अधिक कीमत न देनी पड़े इसके लिए भारी सब्सिडी किसानों को दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस साल भी लगभग 1 लाख 75 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने दी है। मैं

किसानों के पक्ष में आयात-निर्यात नीति में परिवर्तन किया गया है, चना उत्पादक किसानों के हित में चने पर 10  प्रतिशत आयात शुल्क लागू करने का फैसला की अधिसूचना कल केंद्र सरकार ने जारी कर दी है जिससे चना  उत्पादक किसानों को लाभ होगा।

केंद्र सरकार के इस निर्णय पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के कारण सस्ता चना विदेश से नहीं आयेगा। इससे हमारे किसानों को उचित दाम मिलेंगे। श्री चौहान ने बताया कि इस वर्ष चने का भी बंपर उत्पादन हुआ है।

कृषि के 2024.25 के अग्रिम अनुमान के अनुसार चने का उत्पादन 115 लाख मीट्रिक टन से अधिक होगा जबकि पिछले साल 110 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था। सरकार ने ऐसे अनेकों किसान हितैषी फैसले किये हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र है कि किसानों को उसके उत्पादन के ठीक दाम दें, इसलिए न केवल उत्पादन की लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य -एमएसपी घोषित की जाती है बल्कि खरीदने की भी उचित व्यवस्था की जाती है। किसान के उत्पाद की कीमत घटने पर हम आयात निर्यात नीति को भी किसान हितैषी बनाते हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों आयतित मसूर आई थी जिस पर जीरो प्रतिशत आयात शुल्क था जिससे कीमतें कम होती और किसान को घाटा होता इसलिए सरकार ने फैसला किया कि आयतित मसूर पर आयात शुल्क 11 प्रतिशत वसूली जायेगी।

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