राजधानी भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास एक ओवरब्रिज बना है, जिसमें 90 डिग्री का टर्न है. इस डिजाइन को लेकर सवाल उठने लगे तो मंत्रीजी को संज्ञान लेना पड़ा.
शहरवासियों को लंबे समय से जिस ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज का इंतजार था, वह अब लगभग बनकर तैयार है.
इसी महीने इसके लोकार्पण की संभावना है. 18 करोड़ की लागत से तैयार ओवरब्रिज न सिर्फ यातायात का दबाव कम करेगा, बल्कि शहर के कई हिस्सों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. लेकिन उद्घाटन से पहले ही इसके डिजाइन को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
प्रोजेक्ट अब तकनीकी विवादों के घेरे में आ गया है. सबसे बड़ी आपत्ति ओवरब्रिज पर बने 90 डिग्री के टर्न को लेकर है.
यह तीखा मोड़ न केवल ड्राइवर्स के लिए एक चुनौती बनेगा, बल्कि संभावित हादसों की भी आशंका बढ़ा रहा है.
शहरवासियों और ट्रैफिक विशेषज्ञों ने चेताया कि इस टर्न पर रफ्तार पर नियंत्रण नहीं हुआ तो वाहन पलटने या आपस में टकराने की घटनाएं हो सकती हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मोड़ तकनीकी दृष्टि से असुरक्षित माने जाते हैं और यह पुल के उपयोग में आने से पहले ही डिजाइनिंग की खामियों की ओर इशारा करता है. सवाल यह है कि क्या इस त्रुटिपूर्ण डिजाइन को सुधारा जाएगा या फिर केवल राजनीतिक लाभ के लिए जनता की सुरक्षा को नजरअंदाज कर इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा?
हालांकि, इस मामले में प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि “किसी भी ब्रिज के बनने के बाद कुछ विशेषज्ञ अचानक सामने आ जाते हैं और जानकारियां देने लगते हैं. लेकिन हकीकत यह है कि कोई भी पुल या ब्रिज कई तकनीकी पहलुओं से गुजरकर ही बनता है. यदि किसी ने इस पर कोई आपत्ति या आरोप लगाए हैं तो उसकी तकनीकी जांच कराई जाएगी.”
ऐशबाग ओवरब्रिज को शहर के यातायात की भीड़-भाड़ से राहत देने वाले प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन, उद्घाटन से पूर्व ही अगर इसके निर्माण की गुणवत्ता और डिजाइन पर सवाल उठ रहे हैं, तो यह चिंता का विषय है. विशेषज्ञों और नागरिकों की मांग है कि इसका तकनीकी ऑडिट कराया जाए और यदि कोई त्रुटि सामने आती है, तो उसे दूर किया जाए. अन्यथा यह बहुप्रतीक्षित ब्रिज लोगों की सुविधा के बजाय दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है.