भोपाल। राजधानी भोपाल की बदहाल हो रही ट्रैफिक व्यवस्था और अफसरों के लापरवाह रवैये के सुधरने के आसार फिर नजर आ रहे हैं। दरअसल, सांसद आलोक शर्मा ने अब यह हालात सुधारने और शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मुहिम शुरू की है। सबसे पहले सड़कों पर बाधा बन रहे ई रिक्शा को श्नियंत्रितश् करने की कोशिश शुरू हुई है। हालांकि बीते तीन महीने से पुलिस और प्रशासन इसके लिये कवायद के दावे कर रहे थे लेकिन हालात जस के तस ही रहे थे। बताया जाता है कि हाल में सांसद शर्मा ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र और नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण के साथ बैठक में साफ कर दिया है कि ई-रिक्शा संचालन की पॉलिसी नहीं होने की वजह से सड़कों पर जगह-जगह ई-रिक्शा खड़े हो जाते हैं।
इनकी स्पीड धीमी होने की वजह से गाड़ियां नहीं निकल पाती है और सड़कों पर जाम की स्थिति बनती है। खासतौर पर शहर के मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित होने से लोगों को समय पर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पहुंचने में भी दिक्कत होती है। इसलिए ई-रिक्शा संचालन के लिए पॉलिसी तत्काल तैयार की जाए। इसके अलावा सड़कों पर खड़े कंडम वाहनों को हटाने को लेकर भी तय किया गया कि सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में ट्रेंचिंग यार्ड बनकर कंडम वाहनों को सड़क से हटाएं। इसके लिए आज 20 जून से 15 दिन का अभियान चलाया जाएगा।
इसके अलावा फुटपाथ पर सब्जी, फल के ठेले और अन्य तरह के अतिक्रमण लोगों ने कर लिए हैं। यहां तक कि नगर निगम द्वारा बनाई गई नालियों के ऊपर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। इन्हें हटाने के लिए भी कलेक्टर ने सहमति दी है। इसके लिये अतिक्रमण दस्ता गठित किया जाएगा। जिसका प्रभारी एडीएम को बनाया जाएगा। पुलिस के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर, अथवा डिप्टी कमिश्नर, संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और पुलिस के एसीपी, थाना प्रभारी अतिक्रमण दस्ता में शामिल रहेंगे। इसके साथ ही दस्ते में मोबाइल कोर्ट और एक मजिस्ट्रेट भी शामिल होंगे। इसके लिए पॉलिसी तैयार की जा रही है।
लेफ्ट टर्न क्लियर होंगे !
बताया जाता है कि शहर के प्रमुख चैराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या सुधारने के लिए दो रोटरियां तुरंत हटाने का भी निर्णय लिया गया है। इनमें नेहरू नगर चैराहा और साढ़े दस नंबर की रोटरी शामिल है। आने वाले समय में इसका पूरा प्लान बनाकर भोपाल शहर के सभी प्रमुख चैराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या को हल किया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारियों को प्लान बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। हालांकि ज्योति टाकीज के सामने लेफ्ट टर्न बरसों से क्लियर नहीं हो सका है,जबकि यहां दस मीटर दूरी पर पुलिस चैकी है और यहां बैठे पुलिसकर्मी इस समस्या को देखते रहते हैं।