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भीषण भूकंप से तिब्बत में बड़ी तबाही: अब तक 95 लोगों की मौत, 130 घायल,  सबसे ज्यादा नुकसान शिगात्से शहर में, भारत-नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में भी डोली धरती

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तिब्बत। नेपाल की सीमा से सटे तिब्बत में मंगलवार की सुबह-सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये हैं। यही नहीं, एक घंटे के अंदर आए 6 सिलसिलेवार भीषण भूकंप से तिब्बत में भारी तबाही भी हुई है।  सुबह करीब 9 बजे आए इस भीषण भूकंप में जहां अब तक 95 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 130 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों और घायलों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार  भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.1 मापी गयी।   भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में था। भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही तिब्बत के शिगात्से शहर में तबाही मचाई है। कई इमारतों समेत इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।

भूकंप असर नेपाल, भूटान, बांग्लादेश सहित भारत के सिक्किम, असम, पश्चिम बांगल और उत्तराखंड में भी दिखा। फिलहाल भारत में इससे जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि शिजांग स्वायत्त क्षेत्र (तिब्बत) के डिंगरी काउंटी में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है और 62 घायल हुए हैं।  नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों और खुले स्थानों की ओर भाग गए। एनसीएस ने बताया कि पहले भूकंप के तुरंत बाद इस क्षेत्र में दो और भूकंप आए। लोकल अधिकारी लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं, इस वजह से हताहतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

भूकंप के केन्द्र के पास ढह गई कई इमारतें
चीनी मीडिया के अनुसार, भूकंप के केंद्र के पास कई इमारतें भी ढह गईं। चीन के पब्लिक ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने कहा, ‘डिंगरी काउंटी और उसके आसपास के इलाकों में बहुत तेज झटके आए और भूकंप के केंद्र के पास की कई इमारतें ढह गईं।’ नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर भाग गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, 7.1 तीव्रता का पहला भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में आया। इतनी तीव्रता का भूकंप काफी शक्तिशाली माना जाता है और गंभीर क्षति पहुंचाने में सक्षम है। चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शिगात्से शहर में भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की। उसी शिजांग क्षेत्र से एक घंटे के अंदर भूकंप के 5 और झटके महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 और 4.9 मापी गई।

प्रभावित इलाके में लेवल-3 इमरजेंसी घोषित
रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के बाद बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंस गए हैं। इन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। चीन की सीसीटीवी न्यूज के अनुसार चीन की स्टेट काउंसिल ने भूकंप प्रभावित इलाके में टास्क फोर्स भेजी है और लेवल-3 इमरजेंसी घोषित कर दी है। लेवल-3 की इमरजेंसी तब डिक्लियर की जाती है जब दुर्घटना इतनी बड़ी हो कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और स्टेट की सरकार उससे नहीं निपट सकती। ऐसे हालात में केंद्र सरकार अपनी तरफ से तत्काल मदद भेजती है।

भूकंप का केंद्र वहां स्थित था जहां भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं। इन्हीं टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हिमालय का निर्माण हुआ है। इन प्लेटों की टक्कर से हिमालयन रेंज के पहाड़ों में इतना मजबूत उभार पैदा होता है कि दुनिया की कुछ सबसे ऊंची चोटियों की ऊंचाई बदल सकती है। सीसीटीवी के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में शिगात्से शहर के 200 किमी के दायरे में रिक्टर स्केल पर 3 या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आ चुके हैं। हालांकि, ये सभी भूकंप मंगलवार सुबह आए भूकंप से कम शक्तिशाली थे। शिजांग में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर लोकेट किया गया और यह धरती की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था।

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