भोपाल। मध्यप्रदेश की आंगनवाड़ियों में बच्चों को खाने में मोटे अनाज से तैयार भोजन परोसा जाएगा। सांची का दूध और उससे बने उत्पाद दिए जाएंगे। अभी बाहर से अनाज पकाकर दिया जा रहा है, आने वाले समय में आंगनवाड़ी केंद्रों पर ही भोजन पकाया जाएगा। यह सब कुपोषण को खत्म करने के लिए किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग अगले एक महीने में इसका प्लान सीएम डॉ. मोहन यादव को देगा। इसके अलावा अभी कुपोषण से अकेले महिला एवं बाल विकास विभाग लड़ाई लड़ रहा है। उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग मदद करता है। अब आयुष विभाग भी इस काम में महिला एवं बाल विकास विभाग का सहयोग करेगा। आंगनवाड़ियों में पंजीकृत बच्चों में कुपोषण की पहचान, उन्हें स्वस्थ्य करने व उपचार करने में मदद जैसे कामों में आयुष विभाग मदद करेगा।
महिलाओं के लिए हॉस्टल व प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी:
कामकाजी महिलाओं को जल्द हॉस्टल सुविधा मिलेगी। सभी शहरों में होंगे, इनमें महिला सुरक्षा के लिए पूरे इंतजाम किए जाएंगे। दूसरे चरण में इनका विस्तार जिला मुख्यालयों से लेकर विकासखंडों तक होगा। स्वरोजगार स्थापित करने वाली महिलाओं व युवतियों को उनकी मांग पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये अलग-अलग श्रेणी के कामों के आधार पर होंगे। इसके लिए नजदीक के कार्यालयों में संपर्क करने होंगे। साथ ही स्वरोजगार मूलक युवाओं के लिए आवेदन करना होंगे। मुख्य काम महिला एवं बाल विकास विभाग का होगा।
स्वयं के भवनों में खुलेंगे आंगनवाड़ी केंद्र:
आंगनवाड़ी केंद्र स्वयं के भवनों में संचालित करने होंगे। अभी कुछ जिलों में स्वयं के भवन नहीं है, जहां है वहां कई की हालत जर्जर हो चुकी है। बारिश में छतें लीकेज होती हैं, फर्श गीला हो जाता है। सीएम ने कहा कि जहां भी भवन न हो, वहां स्कूल शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और जनजातीय कार्य विभाग सहित अन्य विभागों के उपलब्ध भवनों का उपयोग करें। जिला स्तर पर पंचायत राज संस्थाओं, नगरीय निकायों के सहयोग तथा सांसद-विधायक निधि, डीएमएफ एवं अन्य संसाधनों से प्राथमिकता के आधार पर आंगनवाड़ियों के लिए भवनों का निर्माण कराएं।