मुंबई। महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने विरोध बढ़ता ही जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल, औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर अड़ गए हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य की देवेन्द्र फडणवीस सरकार को चेतावनी दी है कि औरंगजेब ने लाखों की हत्याएं कीं। हजारों मंदिर तोड़े। काशी मथुरा के मंदिर और लाखों गायों की हत्या की। क्रूर शासक की महिमा मंडित करने का काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। अगर कब्र नहीं हटाई गई तो वे बाबरी मस्जिद की तर्ज पर उसे हटा देंगे। हिन्दू संगठनों की इस चेतावनी के बाद कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विश्व हिंदू परिषद महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने औरंगजेब की कब्र को गुलामी का प्रतीक बताया। उन्होंने सोमवार को कहा- 17 मार्च यानी आज शिवाजी महाराज की जयंती है। आज हम महाराष्ट्र में प्रदर्शन और छत्रपति संभाजीनगर की तरफ मार्च करेंगे। शेंडे ने कहा- औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को मारने से पहले 40 दिनों तक यातना दी थी। ऐसे क्रूर शासक का निशान क्यों रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए पूरे महाराष्ट्र में तहसीलदारों और जिलाधिकारियों के दफ्तर पर वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे।
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर टी राजा मुखर
तेलंगाना से भाजपा विधायक टी राजा सिंह औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर खासे मुखर हैं और वे लगातार इस मुद्दे को विभिन्न मंचों पर उठा रहे हैं। पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान भी टी राजा सिंह ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। रविवार को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि ‘महाराष्ट्र के हिंदू चाहते हैं कि औरंगजेब की कब्र को राज्य से हटाया जाए। कब टूटेगी औरंगजेब की कब्र? अब मेरे दो ही उद्देश्य हैं, एक भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना और दूसरा औरंगजेब की कब्र हटाना।’ इससे पहले टी राजा सिंह ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को 15 मार्च को लिट्ठी लिखी थी। उन्होंने छत्रपति संभाजी नगर जिले में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब के मकबरे के रखरखाव पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आवंटित खर्च का विवरण मांगा है।
कब्र की बढ़ाई गई सुरक्षा
वीएचपी की ऐसी नाराजगी के बीच छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां पुलिस का बंदोबस्त बढ़ाया गया है। आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं, विपक्षी दल पूरे मामले को लेकर फडणवीस सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही ध्रुवीकरण करने और समाज को बांटने का आरोप लगा रहे हैं। एनसीपी सांसद, सुप्रिया सुले ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि ये मुद्दा किसी पार्टी नहीं, बल्कि इतिहास से जुड़ा है। मुझे नहीं लगता है कि इस मामले में किसी भी नेता को हस्तक्षेप करना चाहिए। इतिहासकार इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं। मैं महाराष्ट्र सरकार से आग्रह करूंगी इस पर इतिहासकारों से राय लेकर ही कुछ करना चाहिए।