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राजा के विवादित बयान पर महाराजा ने किया पलटवार, सिंधिया बोले- काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, सच सामने आ ही जाता है

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गुना। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बुधवार को शाजापुर में एक बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान भड़के दंगे को लेकर विवादित बयान दिया है। हिंदू-मुस्लिम सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1992 में भोपाल दंगों के दौरान दंगा-फसाद होने में हमने पूरी कोशिश की। हालांकि उन्होंने अपने इस बयान पर सफाई दी है। उन्होंने भाजपा पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़ा मरोड़ा गया है। दिग्गी ने अपने बयान पर भले ही सफाई दे दी है, लेकिन भाजपा को पलटवार करने का मौका जरूर मिल गया है। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिग्गी पर जोरदार पलटवार किया है।

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती… देश विरोधी कांग्रेस पार्टी के नेता चाहे कितने भी मुखौटे पहन लें, सच सामने आ ही जाता है।” सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के बयान को कांग्रेस की मानसिकता का प्रतीक बताते हुए इसे देश के खिलाफ बताया।


बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह एक-दूसरे के खासे विरोधी रहे हैं। कांग्रेस में एक साथ रहने के बाद भी दोनों नेताओं की आपस में कभी नहीं बनी। गाहे बगाहे दोनों नेताओं के बीच तनातनी की खबरे आती ही रहती थी। कहा तो यह जाता है कि सिंधिया ने दिग्गी के कारण ही कांग्रेस छोड़ा भाजपा ज्वाइन कर ली थी। जिसके बाद से दोनों नेताओं के बीच टकराव और तेज हो गया। हाल के वर्षों में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर कई बार निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने जहां सिंधिया को ‘बच्चा’ कहकर तंज कसा, वहीं सिंधिया ने दिग्विजय को ‘राष्ट्रविरोधी मानसिकता’ वाला नेता करार दिया। अब एक फिर सिंधिया ने दिग्विजय सिंह को अपने निशाने पर ले लिया है।

क्या बोले थे दिग्गी
दरअसल, शाजापुर के चौबदार वाडी में मुस्लिम समाज की ओर से आयोजित सद्भावना सम्मेलन में दिग्विजय सिंह ने 1992 के भोपाल दंगों का जिक्र किया। वे बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों के दौरान अपनी भूमिका बताते हुए कहा, “जब बाबरी मस्जिद शहीद हुई थी, मैं कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था। मैंने दो हफ्ते तक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रातें बिताईं। लेकिन इसके बाद उनकी जुबान फिसल गई और वे बोल गए, “हिंदू-मुस्लिम को जोड़कर हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की।” इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी ने इसे कांग्रेस की सांप्रदायिक राजनीति का सबूत बताया।

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