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महाकौशल महावीरों की धरती है, जिसे राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह ने अपने रक्त से सींचा, बलिदान दिवस पर बोले सीएम

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भोपाल। अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह का आज 168वां बलिदान दिवस इस दिवस था। इस अवसर जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में पुष्पांजलि कार्यक्रम कायोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए और दोनों अमर बलिदानियों को नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह सांसद आशीष दुबे, राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि, विधायक डॉ. अभिलाष पांडे,अशोक रोहाणीउपस्थित थे।

सीएम ने कहा है कि स्वाधीनता संग्राम के अमर बलिदानी राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह ने अंग्रेजों के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी, उसका मूल ‘स्वदेशी’ ही था। देश में हमारा अपना शासन और कानून होना चाहिए, इस भाव ने ही जनजातीय वीरों को विदेशी ताकतों से संघर्ष के लिए प्रेरित किया। वे अंग्रेजों के आगे कभी झुके नहीं और पिता-पुत्र (राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह) की जोड़ी ने एक लक्ष्य के लिए लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और वे अमर हो गए। राज्य सरकार ने उनके बलिदान स्थल को स्मारक के रूप में विकसित किया है। अपनी संस्कृति के लिए प्रतिबद्ध राजा शंकर शाह अपने संस्कारों पर सदैव अडिग रहे।

अंग्रेजों के सामने नहीं झुके, हो गए शहीद
पुष्पांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह दोनों पिता पुत्रों ने रानी दुर्गावती की परम्परा को कायम रखते हुए अंग्रेजों के खिलाफ कविता के माध्यम से आवाज उठाई। उन्होंने अंग्रेजों के सामने सीना ठोककर जंगल, जमीन और अपने राष्ट्र को बचाने के लिए गीतों की रचना की। अंग्रेज उनके विद्रोह को बर्दाश्त नहीं कर पाये और कायरता का परिचय देते हुए उन्हें तोप के मुंह पर खड़ा कर उड़ा दिया गया।

अंग्रेजों ने दोनो पिता-पुत्रों को बंदी बनाकर बगैर कोई मुकदमा चलाये उन्हें तोप से उड़ाने का काम किया था। अंग्रेजों ने उनके सामने धर्म बदलने, अंग्रेजी सत्ता को स्वीकार करने और माफी मांगने की शर्त रखी और इसे मान लेने पर उनकी रिहाई के लिए तैयार थे। लेकिन दोनों पिता-पुत्रों ने अंग्रेजों के इस प्रस्ताव को बहादुरी के साथ ठुकरा दिया और कहा कि तोप से उड़ाने के बाद भी यदि वे बच गये तो फिर से अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ गीत लिखेंगे और अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए विद्रोह करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में जन्म और मृत्यु एक बार आती है, लेकिन देश की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले शहीद हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह ऐसे ही शहीद हैं जो हमेशा के लिए अमर हो गये हैं। उनका बलिदान हमें देश सेवा और देश की रक्षा करने की प्रेरणा देता है। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से उनके बलिदान दिवस पर मैं उन्हें नमन करता हूं और प्रणाम करता हूं। मां नर्मदा की पवित्र नगरी में गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीदों को स्मरण कर मैं स्वयं भी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।

जबलपुर की धरा जनजातीय वीरों के रक्त से हुई है सिंचित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्राचीनकाल से महकौशल, महावीरों की धरती रही है, जो राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह और राना दुर्गावती जैसी महान विभूतियों के बलिदान को समेटे हुए है। जबलपुर की धरा जनजातीय वीरों के रक्त से सिंचित हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए शाह वंश का अदम्य साहस, अमर शौर्य और अद्वितीय बलिदान सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मां भारती के चरणों में बलिदान देने वाले महावीर होते हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यही त्याग आने वाली पीढ़ियों के हृदय में राष्ट्रभक्ति की पवित्र ज्योति प्रज्ज्वलित करता रहेगा।

सीएम ने स्वदेशी उत्पादों की लगी प्रदर्शनी का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेवा पखवाड़ा के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस कल्चरल एंड इन्फॉर्मेशन सेंटर में लगी स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व सहायता समूहों के विभिन्न स्टॉलों में जाकर लखपति दीदियों द्वारा निर्मित उत्पादों को देखा और उन्हें प्रोत्साहित किया। इस दौरान उन्होंने देशी कुल्लड़ में चाय की चुस्की भी ली। स्वदेशी अभियान अंतर्गत जिला पंचायत, जिला उद्योग केन्द्र, नगर निगम तथा स्मार्ट सिटी द्वारा ‘स्वदेशी उत्पादों से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम’ थीम पर स्व-सहायता समूह की लखपति दीदियों द्वारा हाथ से बनाये विभिन्न उपयोगी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।

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