भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग को साइबर तहसील पहल के लिये पीएम एक्सीलेंस अवार्ड-2023 से सम्मानित किया। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव श्री विवेक पोरवाल ने लोक सेवा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्राप्त किया। राजस्व विभाग ने साइबर तहसील पहल से राज्य में भूमि नामांतरण सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल, प्रभावी और नागरिकों के अनुकूल बनाकर एक बड़ा बदलाव किया है।
गौरतलब है कि साइबर तहसील पहल के माध्यम से मध्यप्रदेश में अब तक 1 लाख 50 हजार से अधिक प्रकरणों का निपटारा किया जा चुका है। साइबर तहसील के अंतर्गत नामांतरण की प्रक्रिया संपत्ति रजिस्ट्री के समय ही स्वचालित रूप से शुरू हो जाती है, जिससे अलग से आवेदन करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। पहले जहां इस प्रक्रिया में औसतन 70 दिन लगते थे, वहीं अब मात्र 20 दिनों में प्रकरणों का निपटारा हो रहा है। सम्पूर्ण प्रक्रिया आॅनलाइन होने से नागरिकों को तहसील कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। सभी सेवाएं जैसे सार्वजनिक सूचना, आपत्ति दर्ज कराना और प्रमाणित आदेश प्राप्त करना, एसएमएस, ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से डिजिटल रूप से उपलब्ध होती हैं।
से हल ने जनता के समय और खर्च में हुई बचत
इस पहल ने नागरिकों के समय और खर्च दोनों में महत्वपूर्ण बचत सुनिश्चित की है और पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है, इससे नागरिक अपने नामांतरण मामले की स्थिति को आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से आॅनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। साइबर तहसील ने क्षेत्रीय सीमाओं को समाप्त कर दिया है और केंद्रीकृत प्रणाली से प्रकरणों का आवंटन साइबर तहसीलदारों को राउंड-रॉबिन पद्धति से किया जाता है, जिससे निष्पक्ष और त्वरित निपटारा सुनिश्चित होता है।
नवाचारों से प्रशासनिक दक्षता में भी हुआ सुधार
साइबर तहसील जैसे नवाचारों से प्रशासनिक दक्षता में भी सुधार हुआ है। क्षेत्रीय तहसीलदार अब जटिल और विवादित प्रकरणों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। प्रदेश की 13 साइबर तहसीलदारों द्वारा 1,364 न्यायालयों का प्रबंधन किया जा रहा है, इससे बड़ी संख्या में प्रकरणों का निपटान हो रहा है। तहसील कार्यालयों पर नामांतरण प्रकरणों के कार्यभार में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है। रियल-टाइम अपडेट और आरसीएमएस, वेब जीआईएस, संपदा और सारा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के एकीकरण से यह प्रक्रिया और अधिक सरल, तेज और सुगम हो गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली सराहना
साइबर तहसील पहल को राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक सराहना मिली है। आंध्रप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों ने इस प्रणाली को अपनाने में रुचि दिखाई है। इसे मसूरी स्थित लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) और भूमि संवाद कार्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ कार्यों के रूप में प्रदर्शित किया गया है। इस उपलब्धि पर प्रमुख राजस्व आयुक्त श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव, उप राजस्व आयुक्त श्रीमती अलका सिंह वामनकर एवं उनकी तकनीकी टीम को भी समारोह में आमंत्रित किया गया था।