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मप्र के सीएम राइज स्कूल अब जानी जाएंगी संदीपनी के ऋषि के नाम से: मोहन का बड़ा ऐलान, नाम बदलने की बताई वजह भी

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भोपाल । मध्यप्रदेश में मंगलवार से फिर स्कूल खुल गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्कूल चलें हम अभियान का आगाज ओल्ड कैंपियन स्कूल से किया। कार्यक्रम में सबसे पहले, मुख्यमंत्री डॉ. यादव नव प्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत किया। वहीं अपने संबोधन के दौरान सीएम ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने सीएम राइस स्कूलों के नाम को बदलकर अब सांदीपनी स्कूल के नाम करने की घोषणा की। राज्यस्तरीय कार्यक्रम में जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप भी मौजूद है।

सीएम ने कहा कि सीएम राइज स्कूल का नाम ऐसा लगता था जैसे अंग्रेजों के जमाने का हो, इसलिए इसे बदलकर सांदीपनि ऋषि के नाम पर किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होनी चाहिए। सरकारी स्कूलों की शिक्षा भी किसी से कमतर नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़कर भी कई महान व्यक्तित्वों ने विश्वभर में भारत का नाम रोशन किया है। छात्रों को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी गई।

मेरी भी शिक्षा-दीक्षा सरकारी स्कूल में हुई
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मेरी शिक्षा दीक्षा सरकारी स्कूल से हुई है। सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद भी प्रतिभा में कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा शिक्षा की महत्वता श्री कृष्ण ने समझाई, कंस को मारने के बाद शिक्षा ग्रहण की। स्कूल के उदाहरण जीवन में काम आते हैं,सुदामा की स्कूल की मित्रता कृष्ण ने निभाई। सीएमने कहा कि नरेंद्र मोदी, अब्दुल कलाम, डॉ राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री जैसे हजारों उदाहरण है, जिन्होंने सरकारी स्कूलों से पढ़ाई की। इसी तरह के और भी हमारे देश के लोग हैं जो सरकारी स्कूलों में पढ़े और देश का नाम रोशन किया। इसलिए सरकारी स्कूल को कम नहीं समझना चाहिए। दुनिया आपका इंतजार कर रही है। आप देश प्रदेश का नाम बढ़ाए।

बच्चे देश का भविष्य, सरकार उनकी शिक्षा के लिए कर रही हर संभव प्रयास: मंत्री
वहीं मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने घोषणा की कि इस साल 1 अप्रैल से, जब छात्र अपने विद्यालय में प्रवेश करेंगे, तो शासन द्वारा दी जाने वाली किताबें उनके बैग में पहले से उपलब्ध होंगी। यह पहली बार हुआ है कि पूरे राज्य के प्रत्येक जिले में शैक्षणिक सामग्री समय पर वितरित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक कौशल और आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिलेंगे। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश में पहली बार शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार हो रहे हैं।

जुलाई से बेटियों को मिलेगी साइकिल
उन्होंने यह भी घोषणा की कि जुलाई में बेटियों को साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, उन्होंने शिक्षा विभाग और शिक्षकों को बधाई दी कि इस बार 1 अप्रैल से ही सभी विद्यार्थी अपनी नई कक्षा में प्रवेश कर रहे हैं, जो एक ऐतिहासिक पहल है। कार्यक्रम में प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री चेतन कश्यप भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर संभागों में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया। इन समिट्स के माध्यम से 60% से अधिक निवेशकों ने उद्योग स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जिससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

जिलों के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए प्रभारी मंत्री
प्रदेश में जिले के प्रभारी मंत्री जिला स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए है। यह कार्यक्रम चयनित शालाओं में हुआ। कार्यक्रम में सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधि भी शामिल हुए है। उपस्थित छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें वितरित की गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसी व्यवस्था की है कि नए शैक्षणिक-सत्र की शुरूआत में विद्यार्थियों को पाठ्य-पुस्तकें मिल जाएं।

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