मध्यप्रदेश सरकार मंगलवार को 5,200 करोड़ रुपये का नया उधार लेने की तैयारी कर रही है। इस राशि का भुगतान 29 अक्टूबर को होगा, जो प्रदेश के स्थापना दिवस से ठीक पहले आ रही है।
यह पैसा विकास परियोजनाओं, लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के लाभार्थियों को भुगतान और अन्य जरूरी खर्चों पर लगेगा। सूत्रों के मुताबिक, यह कर्ज दो हिस्सों में आएगा।
पहला 2,700 करोड़ और दूसरा 2,500 करोड़। ये वित्त वर्ष 2024-25 के 20वें और 21वें उधार के रूप में दर्ज होंगे। इसके बाद इस साल का कुल कर्ज 42,600 करोड़ रुपये हो जाएगा।
पहली किस्त अक्टूबर 2046 तक और दूसरी 2047 तक ब्याज के साथ चुकानी होगी।
केंद्र की मंजूरी से आरबीआई के जरिए लिया जा रहा यह ऋण सिंचाई, बिजली परियोजनाओं और सामाजिक विकास जैसे उत्पादक क्षेत्रों में खर्च होगा।
पिछले महीनों में भी सरकार ने कई बार उधार लिया। 1 अक्टूबर को 3,000 करोड़, सितंबर में 9 को 4,000 करोड़, 23 को 3,000 करोड़ और 30 को 3,000 करोड़ का कर्ज मिला था।
इस वित्त वर्ष में अब तक 20 से ज्यादा बार कर्ज लिया गया है, जिससे कुल राज्य का कर्जबोझ करीब 4.64 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। फिर भी, सरकार का कहना है कि यह राजकोषीय लक्ष्यों के दायरे में है।



