मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपनी जड़े मजबूत करने के लिए नए जिला अध्यक्षों की तलाश शुरू कर दी है। संगठन सृजन अभियान की शुरुआत राहुल गांधी ने 3 जून को भोपाल में की थी जिसके बाद से तैयारी और तेज हो गई है।
इसे लेकर रविवार को प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जूम के माध्यम से पीसीसी द्वारा नियुक्त किए गए 165 ऑब्जर्वर्स ऑनलाइन बैठक ली।
इस दौरान प्रदेश प्रभारी चौधरी ने कहा कि पैनल में उन्हीं लोगों को शामिल करें जिनको कम से कम 5 साल पार्टी में काम करने का अनुभव हो। साथ ही उनकी उम्र 35 से 45 साल तक की होनी चाहिए।
गौरतलब है कि प्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत दिल्ली और भोपाल से नियुक्त ऑब्जर्वर्स की तीन सदस्यीय टीम अब हर जिले में जाकर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तलाशेगी। इसके साथ ही जिले में कांग्रेस की मजबूती और कमजोरी के कारणों की वजह भी तलाशेगी।
हरीश चौधरी ने कहा, एआईसीसी और पीसीसी के ऑब्जर्वर अपने जिले में दौरे का कार्यक्रम बनाकर नीयत समय पर पहुंचें। जिला कांग्रेस कमेटी जिले के कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित करेगी। जिला अध्यक्ष के लिए 6 नामों का पैनल तैयार करना है। हमारा प्रयास ये होना चाहिए कि जिला अध्यक्ष के लिए 35 साल से 45 साल के बीच की उम्र के नेता ही पैनल में शामिल हों।
यदि कोई सशक्त व्यक्ति और विचारधारा से जुड़ा हुआ सीनियर दावेदारी करता है तो उसे विशेष परिस्थितियों में शामिल किया जा सकता है। कोई मजबूत कार्यकर्ता आयुसीमा के चक्कर में छूट न जाए। लेकिन, राहुल जी की सोच है कि कांग्रेस का जिलाध्यक्ष युवा हो, तकनीक फ्रेंडली हो, सोशल मीडिया पर सक्रिय हो। ये सारी खूबियों वाले कार्यकर्ताओं को आप पैनल में शामिल करें।
हर जिले से जिला अध्यक्ष के लिए पैनल में 6 नाम शामिल किए जाएंगे। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला के नाम हर हाल में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल रहेंगे।
गौरतलब है कि राहुल गांधी के साथ 3 जून को हुई बैठक के बाद सभी ऑब्जर्वर्स को आवंटित जिले का जातिगत डेटा फोल्डर में दिया गया है। इसमें यह बताया गया है कि किस जिले में किस जाति की संख्या ज्यादा हैं और कौन से समाज के लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं। जिलाध्यक्ष के पैनल में इस डेटा के आधार पर भी लोग पैनल में शामिल किए जाएंगे।