भोपाल। मप्र ने बीते साल गेहूं खरीदी का लक्ष्य तोड़ दिया है। इस सीजन में 5 मई तक 78 लाख मीट्रिक टन खरीदी हुई, जबकि लक्ष्य 60 लाख मिट्रिक का मिला था। यानि इस साल 18 लाख मीट्रिक टन अधिक गेहूं खरीदा गया। बीते वर्ष 100 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य मिला था, लेकिन इतनी आवक नहीं हुई थी। इसकी वजह बाजार में गेहूं की कीमत अधिक होना थी, जिसके कारण कई किसानों ने गेहूं खुले बाजार में बेच दिया था।
गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी गेहूं खरीदी की तारीख सोमवार को खत्म हो चुकी है लेकिन जिन किसानों ने 5 मई तक गेहूं बेचने के लिए स्लॉट बुक करा लिए है उनका गेहूं 9 मई तक केंद्रों पर तौला जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में बीते तीन दिनों से मौसम खराब है, बेमौसम बारिश हो रही है, तेज हवाओं का दौर भी रह-रहकर जारी है। इस वजह से कई किसान गेहूं खराब होने के संभावित खतरे के कारण केंद्रों पर नहीं पहुंच पाए थे जिनके लिए सरकार ने रियायत देने के लिए गेहूं तुलाई की तारीख बढ़ाकर 9 मई कर दी है। प्रदेश के कुछ संभागों में 15 और कुछ में 20 मार्च से शुरू हुई थी।
कई जिलों में भींगा खरीदा गेहूं
उधर बेमौसम बारिश के कारण कई जिलों में खरीदे गए गेहूं के भींगने की खबर है। ये वे जिले हैं, जहां बारिश अधिक हुई। हालांकि पिछली बार धान व गेहूं की खरीदी के दौरान अव्यवस्था व खरीदी गई उपज भींगने और नुकसान होने के चलते इस बार व्यवस्था कड़ी थी, जिसके कारण बड़े स्तर पर गेहूं नहीं भींगा।