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ब्यौहारी में 9 जून को होगा कोल जनजातीय महाकुंभ

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 9 जून को भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के अवसर पर शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत मुख्यालय में आयोजित कोल जनजातीय महाकुंभ में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम कोल समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व को उजागर करने वाला प्रदेश का सबसे बड़ा कोल सम्मेलन बताया जा रहा है।

इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियों को लेकर ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक शरद कोल ने हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भेंट की और सम्मेलन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। विधायक शरद कोल के अनुसार, यह महाकुंभ कोल समाज को संगठित कर एक नई पहचान देने का प्रयास है। सम्मेलन में हजारों की संख्या में कोल समाज के लोगों के जुटने की संभावना है।

ब्यौहारी में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन केवल एक राजनीतिक या सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि कोल समाज की एकता, जागरूकता और सशक्तिकरण का मंच बनेगा। भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में हो रहे इस आयोजन को लेकर न सिर्फ कोल समाज, बल्कि पूरा आदिवासी समाज उत्साहित है।

मुख्यमंत्री की मौजूदगी को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने तैयारियों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। सुरक्षा से लेकर यातायात और मंच व्यवस्था तक, हर पहलू पर बारीकी से काम किया जा रहा है। आयोजन स्थल को पारंपरिक और सांस्कृतिक रंग में रंगने की योजना है, जिससे कोल समाज की विरासत को भव्य रूप में प्रस्तुत किया जा सके।

विधायक शरद कोल ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में कोल समाज की आबादी लगभग 25 लाख से अधिक है। रीवा, सीधी, सतना, शहडोल, खजुराहो और जबलपुर संसदीय क्षेत्रों में कोल समाज की बड़ी संख्या निवास करती है। अकेले मऊगंज जिले में कोल समाज की जनसंख्या 70 से 72 हजार के बीच है, वहीं ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में भी 38 हजार से अधिक कोल समाज के लोग रहते हैं। जनसंख्या के आधार पर कोल समाज प्रदेश में भील और गोंड समाज के बाद तीसरे स्थान पर है।

इस सम्मेलन की संकल्पना और संचालन की जिम्मेदारी भाजपा विधायक शरद कोल ने स्वयं संभाली है। वे लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और कोल समाज के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे लोगों को इस ऐतिहासिक महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन कोल समाज की गरिमा को बढ़ाने और उनकी सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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