नई दिल्ली। जेपी ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के एमडी मनोज गौड़ को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उन पर 12,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने आरोप है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) मनोज गौड़ के माध्यम से 12,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और घर खरीदारों के पैसे की हेराफेरी में शामिल है।
गौरतलब है कि इसी साल मई 2025 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए जेपी इंफ्राटेक से संबद्ध संस्थाओं से जुड़े 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी और 1.7 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी जब्त की थी। छापेमारी के दौरान, प्रमोटरों, उनके परिवार के सदस्यों और समूह की कंपनियों के नाम पर संपत्ति के दस्तावेजों के साथ-साथ वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी जब्त किए गए।
ईडी ने जगहों पर की थी छापेमारी
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही जांच के तहत दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की थी। जेपी इन्फ्राटेक के प्रवर्तकों के खिलाफ 2017 में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। एफआईआर में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया, जिसमें जेपी विशटाउन (जेआईएल) और जेपी ग्रीन्स (जेएएल) जैसी परियोजनाओं में आवासीय अपार्टमेंट और प्लॉट आवंटित करने के बहाने घर खरीदारों और निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रलोभन देना शामिल है।



