भोपाल। जल संरक्षण के उद्देश्य से मप्र सरकार ने 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की है। जो 30 तीन जून चलेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस पहल को भरपूर समर्थन मिल रहा है। आम से लेकर खास तक इस अभियान में योगदान दे रहे हैं। सीएम यादव स्वयं भी अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने शनिवार को जल गंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियों की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को कई अहम निर्देश भी दिए। वहीं उन्होंने यह भी आगाह किया कि वे जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यों के मुआयना करने स्वयं जिलों का दौरा करेंगे।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों की स्वच्छता, संरक्षण और उनकी देखरेख के कार्यों में नागरिकों की भागीदारी और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर अच्छे परिणाम सामने लाएं। शासन स्तर पर अभियान की निरंतर समीक्षा की जा रही है और डैश बोर्ड पर ग्राम एवं नगर स्तर के कार्यों को दर्ज करने का कार्य भी किया जा रहा है। श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1.06 लाख जल दूत तैयार किए गए हैं, जो जल स्रोतों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 30 मार्च से प्रारंभ जल गंगा संवर्धन अभियान 30 जून तक चलना है।
जल संरचनाओं की तैयार की जाए सूची
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण जल संरचनाओं की सूची तैयार की जाए। पुरातत्व और पर्यटन महत्व की ऐसी धरोहर को सहेजने की दृष्टि से संरक्षण गतिविधियों से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि भोपाल के साथ ही जबलपुर, सागर, उज्जैन नगरों में अनेक प्राचीन बावड़ियां विद्यमान हैं, वहां स्वच्छता के कार्य संचालित किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विभागवार अभियान के कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
संस्कृति और शिक्षा विभाग पर्व त्योहारों पर करें आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को जलस्रोतों और जल संरक्षण के महत्व की जानकारी प्रार्थना सभाओं के अवसर पर दी जाए। शिक्षा विभाग संस्कृति विभाग के साथ मिलकर विभिन्न पर्व और त्योहारों पर पानी के महत्व पर निबंध और भाषण स्पधार्एं आयोजित करे। गंगा दशहरा और आखातीज जैसे अवसरों पर ऐसे कार्यक्रम किए जाएं।
खेत तालाब योजना में बालाघाट अव्वल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बालाघाट जिले में सर्वाधिक 561 खेत तालाब बनाए जाने पर अधिकारियों को बधाई दी। बैठक में बताया गया कि जीआईएस आधारित प्रणाली में प्रदेश में निर्मित 76 हजार खेत तालाब की संख्या एक उपलब्धि है। प्रदेश में अनूपपुर जिला 275 खेत तालाब बनाकर दूसरे क्रम और अलीराजपुर जिला 216 खेत तालाब बनाकर तीसरे क्रम पर है। अमृत सरोवर निर्माण के लिए सिवनी जिले में सबसे अच्छा कार्य हुआ है। सीएम ने इन जिलों के कलेक्टर्स और अधिकारियों की टीम को बधाई दी।