भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर जबलपुर में राजस्व अभिलेखागार के प्रबंधन की एक नई शुरूआत की गई है। कलेक्टर कार्यालय में स्थित राजस्व अभिलेखागार को आधुनिकतम रूप में विकसित किया गया है, जिससे आवेदकों को राजस्व अभिलेखों की नकल प्राप्त करना अब आसान हो गया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशन में राजस्व रिकॉर्ड रूम को व्यवस्थित करने और सभी रिकॉर्डों को स्कैन कर आॅनलाइन किया है। इससे अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे राजस्व अभिलेखों की स्थिति के बारे में पता कर सकता है। राजस्व अभिलेखागार के आधुनिकीकरण से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है।
नवीनतम राजस्व रिकॉर्ड रूम में वर्ष 1909-10 से अभिलेख उपलब्ध हैं, जो अब सहजता से कंप्यूटर के माध्यम से उपलब्ध हो सकेंगे। इससे राजस्व अभिलेखों की नकल प्राप्त करने में अब कोई दिक्कत नहीं है। नवाचार का अवलोकन करने के लिए जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी पहुंच रहे हैं। कलेक्टर सक्सेना स्वयं समय-समय पर रिकॉर्ड रूम का अवलोकन कर बेहतर और सुविधाजनक बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। जनता से जुड़े राजस्व रिकॉर्ड को आधुनिकतम रूप में लाने का यह कार्य निश्चित ही प्रशंसनीय है। यह पहल जिले में प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कपड़े के बस्ते की जगह प्लास्टिक के बॉक्स में हर केस फाइल
रिकॉर्ड रूम के रख-रखाव की समस्याओं का समाधान करने में यह नवाचार महत्वपूर्ण है। अभिलेखों, राजस्व प्रकरणों एवं पुराने दस्तावेजों को व्यवस्थित तरीके से प्लास्टिक बैग में डालकर प्रकरणों को क्रमानुसार प्लास्टिक बॉक्स में जमाया गया। प्रत्येक प्लास्टिक बॉक्स की तहसील के हिसाब से कलर कोडिंग की गई। उन पर मौजावार, वर्ष वार, मद वार केस के डिटेल स्टीकर पर प्रिंट कर चिपकाए गए। रिकॉर्ड रूम और उसमे रखी रैक्स का रंग रोगन किया गया। रिकॉर्ड रूम एयरकंडीशंड बनाया गया। हर रैक और उसकी शेल्फ को एक यूनिक नंबर दिया गया। हर शेल्फ में रखे प्लास्टिक बॉक्स और बॉक्स में प्लास्टक बैग में रखे गए केस की कोडिंग की गई।
आवेदकों के लिये सुविधाजनक
रिकार्ड रूम की सारी जानकारी एक आॅनलाइन एप्लीकेशन तैयार कर उस पर अपलोड की गई है। आवेदक घर बैठे ऐप की सहायता से यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि उनके द्वारा जिस रिकार्ड की प्रति चाही गई है,प्रति चाही गई है वह कहाँ उपलब्ध है। रिकार्ड रूम के बाहर स्थापित कियॉस्क पर केस नंबर का रिकार्ड रखा गया है। साथ ही केस की लोकेशन का प्रिंट निकालने की सुविधा दी गई है। इससे आवेदक प्रिंट निकालकर आसानी से अपने रिकार्ड की नकल प्राप्त कर सकता है।
बैंक के लॉकर रूम सरीखा माहौल
समस्या को हल करने के अभिनव तरीके और चंद महीनों की मेहनत ने रिकॉर्ड रूम की शक्ल बदल दी है। अब रिकॉर्ड कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। अब बैंक के लॉकर रूम की तरह माहौल है। कीमती रिकॉर्ड सुरक्षित भी है और कहाँ रखा है, यह कम्प्यूटर से सभी को पता भी है।