23.6 C
Bhopal

मप्र की उपलब्धि: रियल-टाइम फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम लागू करने वाला बना पहला राज्य, गुना डीएफओ ने की नए नवाचार की परिकल्पना

प्रमुख खबरे

भोपाल। एआई आधारित रियल-टाइम वन अलर्ट प्रणाली को लागू करने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश बन गया है। प्रदेश में सक्रिय वन प्रबंधन की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। यह प्रणाली उपग्रह चित्रों, मोबाइल फीडबैक और मशीन लर्निंग की मदद से कार्य करती है, जो भूमि अतिक्रमण, भूमि उपयोग परिवर्तन और वन ह्रास का पता लगाकर वन विभाग को समय पर कार्रवाई के लिये सक्षम बनाती है।

इस नवाचार की परिकल्पना डीएफओ गुना अक्षय राठौर द्वारा की गयी और इसे मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक आईटी बीएस अणिगेरी के नेतृत्व और संस्थागत समर्थन से क्रियान्वित किया गया। गूगल अर्थ इंजन पर आधारित यह प्रणाली बहु-कालिक उपग्रह आंकड़ों का विश्लेषण करती है और कस्टम एआई मॉडल की मदद से भूमि उपयोग परिवर्तन की पहचान करती है। हर संभावित बदलाव को मोबाइल ऐप के माध्यम से फील्ड स्टॉफ को भेजा जाता है, जिससे वे स्थल पर जाकर पुष्टि कर सके।

नया सिस्टम फॉरेस्ट स्टॉफ को बनाएगा सशक्त
गुना डीएफओ ने बताया कि यह पहली बार है जब हमने सेटेलाइट, एआई और फील्ड फीडबैक को एक निरंतर चक्र में जोड़ा है, जो खुद को समय के साथ सुधारता है। यह प्रणाली फॉरेस्ट स्टॉफ को केवल निगरानी नहीं, बल्कि तत्काल कार्यवाही के लिये सशक्त बनाती है। अलर्ट जनरेशन और फीडबैक प्रक्रिया में प्रारंभिक अलर्ट जनरेशन में गूगल अर्थ इंजन द्वारा 3 तारीखों के उपग्रह चित्रों की तुलना, फसल, बंजर भूमि, निर्माण इत्यादि में बदलाव की पहचान करता है।

गलत अलर्ट की संख्या में कमी के साथ सटीकता में वृद्धि होगी
साथ ही महत्वपूर्ण पिक्सल परिवर्तन के आधार पर पॉलीगन अलर्ट, फील्ड सत्यापन के अंतर्गत मोबाइल ऐप पर अलर्ट भेजना, फील्ड स्टॉफ जीपीएस टैग की गई फोटो, वाइस नोट और टिप्पणियां अपलोड करना एवं डेटा समृद्धि में एनडीवीआई, एसएवीआई, ईवीआई जैसे इंडेक्स और एसएआर विशेषताओं को जोड़ने से एक अलर्ट में लगभग 20+ इंडिपेंडेंट फीचर्स तैयार होते हैं। मशीन लर्निंग मॉडल सुधार के अंतर्गत फील्ड से मिले फील्ड बैक के आधार पर एआई मॉडल का पुन: प्रशिक्षण और गलत अलर्ट की संख्या में कमी के साथ सटीकता में वृद्धि होगी।

मोबाइल ऐप पर मिलेगा एलर्ट
वन मंडलाधिकारी के डैशबोर्ड के लिये लाइव निगरानी के अंतर्गत नई प्रक्रिया में और पूर्ण अलर्ट की लाइव स्थिति, बीट और फील्ड पोस्ट अनुसार विभाजन और डेट, डेंसिटी, एरिया आदि के आधार पर फिल्टर एवं फील्ड स्टॉफ की आॅन-साइट कार्रवाई के लिये मोबाइल ऐप पर अलर्ट प्राप्त होगा, छवि, जीपीएस, वॉइस सहित सर्वे डाटा सबमिट और जियो फेंसिंग और दूरी मापन के फीचर अंतर्निहित होंगे।

वन विभाग द्वारा पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस प्रणाली को 5 संवेदनशील वन मंडलों में लागू किया गया है, जिनमें शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खण्डवा शामिल हैं। इन वन मण्डलों में अतिक्रमण और वृक्ष कटाई की घटनाएँ अधिक होती हैं। इस प्रणाली को राज्य स्तर पर भी लागू किया जायेगा।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे