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अधिकारियों को निर्देश, भवन स्वामी 31 दिसम्बर के पूर्व फायर प्लॉन प्रस्तुत करें

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नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश में निश्चित ऊँचाई से बड़े भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचाव के इंतजामों का निरीक्षण करने और नियमों की अनदेखी करने वाले भवनों को चिन्हित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इस कार्य को प्राथमिकता दिये जाने के लिये कहा है।

प्रदेश में फायर सेफ्टी प्रमाण-पत्र प्राप्त किये जाने के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जारी निर्देश के अनुसार भवन स्वामी अब 31 दिसम्बर, 2025 तक फायर प्लॉन प्रस्तुत कर संबंधित अग्निशमन प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर सकेंगे। नियत तिथि के बाद फायर प्लॉन प्रस्तुत नहीं करने वाले भवन स्वामियों के विरुद्ध दण्ड के अधिरोपण की कार्रवाई नियत नियम के अनुसार की जायेगी।

निर्देशों में कहा गया है कि फायर सेफ्टी प्लॉन के कण्डिका क्रमांक-2 में उल्लेखित भवन, जो कि पूर्व से निर्मित हैं, उन्हें 2 माह के भीतर एनबीसी से निर्धारित मानक अनुसार फायर प्लॉन तैयार कर अनुमोदन के लिये अग्निशमन प्राधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। निर्देश में यह भी बताया गया है कि अग्निशमन अधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्ति के एक माह के भीतर फायर प्लॉन का अनुमोदन किया जायेगा। कण्डिका में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 2 माह की समयावधि के भीतर यदि भवन स्वामी फायर प्लॉन तैयार कर अग्निशमन प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं करता है, तो विलंब शुल्क के साथ 500 रुपये प्रतिदिन की दर से और एक वर्ष के बाद एक हजार रुपये प्रतिदिन की दर पर दण्ड शुल्क देय होगा। राज्य शासन ने नगर निगमों के लिये आयुक्त नगरपालिक निगम, नगरपालिका परिषद और नगर परिषद के लिये संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले प्रकरणों के लिये जिला कलेक्टर और छावनी परिषद क्षेत्र जबलपुर, महू, मुरार, पचमढ़ी और सागर के लिये अधिशासी अधिकारी को अग्निशमन प्राधिकारी घोषित किया है।

भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जिन भवनों के लिये फायर सेफ्टी प्लॉन के प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है, उनमें 15 मीटर से ऊँचे समस्त भवन, एक तल पर 500 M2 से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले समस्त भवन (आवासीय एवं धार्मिक और सामुदायिक भवनों को छोड़कर) शामिल किये गये हैं। कोई भी होटल और अस्पताल, जिसमें 50 से अधिक पलंग और बिस्तर हों, उन्हें भी शामिल किया गया है। नियमों में 50 से कम पलंग वाले होटल, 50 बिस्तरीय अस्पताल पंजीकृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण प्रस्तुत करेंगे। फायर सेफ्टी प्लॉन के संबंध में दिशा-निर्देश संबंधित क्षेत्र के नगरीय निकायों के कार्यालयों से प्राप्त किये जा सकते हैं।

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