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साइंस के क्षेत्र में भारत ने गढ़े वैश्विक कीर्तिमान, सीएम बोले- कोविड काल में दुनिया ने देखा

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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर सेंटर आॅफ एक्सीलेंस इन स्टेम एजुकेशन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। सीएम ने सेंटर में पेश मॉडल तथा विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न सिद्धांत, सरलता से समझाने में सहायक उपकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल और नवाचारों के संबंध में उनसे चर्चा की। इससे पहले सीएम ने नोबल पुरूस्कार से सम्मानित महान वैज्ञानिक सीवी रमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।

सीएम ने कहा कि विज्ञान के आधार पर व्यवस्थित कार्यप्रणाली, जिज्ञासु प्रवृत्ति को प्रोत्साहन और नवीनतम तकनीकों के उपयोग ने देश को विश्व के शीर्ष राष्ट्रों में गिने जाने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह उपलब्धि पीएम मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन से ही संभव हो पाई है। राज्य सरकार शिक्षा सहित शासकीय कार्य प्रणाली और सामान्य व्यवस्थाओं के संचालन में विज्ञान का अधिक से अधिक उपयोग कर आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

पीएम के नेतृत्व में चल रहा भारत का स्वर्णिक काल
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का स्वर्णिम काल चल रहा है। भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नए कीर्तिमान गढ़े हैं, जिसमें कोविड के दौर में टीकाकरण और डिजिटल पेमेंट्स जैसे अनेकों नवाचार और व्यवस्थाएं शामिल हैं। कोविड काल में अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में यही कार्य बड़ी ही निपुणता और प्रतिबद्धता से पूर्ण किया गया।

गुरुत्वाकर्षण का नियम भी प्राचीन भारतीय शास्त्रों में निहित
सीएम ने कहा कि भारत में जिज्ञासा और विज्ञान के आधार पर व्यवस्थाओं के विकास की प्राचीन परंपरा रही है। पश्चिम में दूरबीन के अविष्कार के पहले से भारत में नवग्रह की पूजा की जाती रही है। भारत ने विश्व में सबसे पहले खगोल विज्ञान के अनेकों सिद्धांतों को प्रतिपादित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने ‘यत पिंडे-तत ब्रह्माण्डे’ के माध्यम से सृष्टि और मानव शरीर की एकरूपता का संदेश दिया। इसी प्रकार चरैवेति-चरैवेति में समय की निरंतरता का बोध होता है। गुरुत्वाकर्षण का नियम भी प्राचीन भारतीय शास्त्रों में निहित है।

ब्रम्हांड में बिखरे रहस्य को खोजना और समस्याओं को हल करना ही विज्ञान
सीएम ने कहा कि ब्रह्माण्ड में कई रहस्य बिखरे हुए है, इन्हें खोजना और समस्याओं का हल करना ही विज्ञान है। महान भारतीय वैज्ञानिक श्री चंद्रशेखर वेंकट (सीवी) रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा और भारत में विकसित खगोल शास्त्र के विभिन्न सिद्धांतों पर विद्यार्थियों से संवाद किया।

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