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भारत शांति में विश्वास रखता है, दुनिया को आतंकवाद पर एक साथ बोलना चाहिए

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भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत शांति और सौहार्द चाहता है, लेकिन निर्दोष भारतीयों की कीमत पर नहीं और जहां तक बर्बर राज्य प्रायोजित आतंकवाद का सवाल है, दुनिया को एक स्वर में बोलना चाहिए। यह बात उन्होंने पेरिस में अपने नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के छह देशों के यूरोप दौरे की शुरुआत के अवसर पर कही है। बता दें कि, ये नौ सदस्यीय दल फ्रांस में अपनी यात्रा के पहले चरण में सीनेट और नेशनल असेंबली के सदस्यों, थिंक टैंक और प्रवासी भारतीयों के एक समूह से मुलाकात करेगा।

विदेश मामलों के क्षेत्र में फ्रांसीसी सांसदों के साथ भी बैठकें निर्धारित हैं, क्योंकि प्रतिनिधिमंडल पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमलों के मद्देनजर आतंकवाद पर भारत के शून्य-सहिष्णुता के रुख को दोहराएगा। इन बैठकों से पहले रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान बहुत स्पष्ट है: भारत शांति और सौहार्द चाहता है, लेकिन हमारे निर्दोष भारतीयों के जीवन की कीमत पर नहीं। आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, एक वैश्विक कैंसर है।’

इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का अगुआ बन चुका है। जब यह आतंकवाद परमाणु हथियारों से लैस सैन्य राष्ट्र से आता है, तब यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर खतरा बन जाता है।’ वहीं पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन ने भारत-फ्रांस के मजबूत रिश्तों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा, रक्षा और खुफिया जानकारी के क्षेत्र में फ्रांस भारत का बेहद भरोसेमंद साथी है।’

जबकि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य गुलाम अली खटाना ने कहा, ‘पाकिस्तान ने जितना इस्लाम को नुकसान पहुंचाया है और उसका असली चेहरा मानवता से कही दूर है। तो यह दुनिया को बताना बहुत जरूरी है। पाकिस्तान क्या कर रहा है’।

इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) सहित कई दलों के नेता शामिल हैं। जिसमें दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी,  गुलाम अली खताना, डॉ. अमर सिंह, सामिक भट्टाचार्य, एम. थम्बीदुरई, एम. जे. अकबर (पूर्व मंत्री), पंकज सरन (पूर्व डिप्टी NSA)।

फ्रांस के बाद यह दल ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क का दौरा करेगा। यह भारत की कूटनीतिक पहल का हिस्सा है जिसके तहत सात अलग-अलग दल 33 देशों की राजधानियों में जाकर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क और भारत की कड़ी नीति को उजागर करेंगे।

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