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खतरनाक अपशिष्ट की हाथ से सफाई प्रथा को खत्म करने मानवाधिकार आयोग के निर्देश

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राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने सभी राज्यों से खतरनाक अपशिष्ट की हाथ से सफाई की प्रथा को खत्म करने के लिए डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ – 2023 के मामले में जारी सुप्रीम कोर्ट के 14 निर्देशों को तत्काल लागू करने का आग्रह किया।

वास्तविक समय अनुपालन और निवारण सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली बनाने पर जोर।

प्रगति को ट्रैक करने, कार्यान्वयन अंतराल की पहचान करने और सभी स्तरों पर उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए नियमित अनुवर्ती और समीक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया गया।

संबंधित अधिकारियों से आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई।

खतरनाक अपशिष्ट की हाथ से सफाई की निरंतर प्रथा को देखते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों और प्रशासकों को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 के ऐतिहासिक निर्णय (डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ, 2023 आईएनएससी 950) में जारी किए गए 14 निर्देशों का तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है, जिसका उद्देश्य हाथ से मैला ढोने और खतरनाक सीवर की सफाई की अमानवीय और जाति-आधारित प्रथा को खत्म करना है। आयोग ने कहा है कि यह प्रथा मानवाधिकारों, विशेष रूप से सम्मान के साथ जीने के अधिकार और कानून के समक्ष समानता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।

आयोग ने पाया है कि संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 29 जनवरी, 2025 को छह प्रमुख शहरों – दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा के बावजूद, देश के कुछ भागों में खतरनाक कचरे की हाथ से सफाई की खबरें आ रही हैं।

एनएचआरसी ने निम्नलिखित उपायों के तत्काल कार्यान्वयन की सिफारिश की है:

स्थानीय प्राधिकारियों, ठेकेदारों और आम जनता सहित हितधारकों के बीच हाथ से सफाई के निषेध और प्रासंगिक न्यायिक निर्देशों का व्यापक प्रसार;

सरकारी अधिकारियों, सफाई कर्मचारियों और समुदायों के लिए हाथ से सफाई के कानूनी, सामाजिक और मानवाधिकार आयामों पर संवेदनशीलता कार्यक्रम;

वास्तविक समय अनुपालन और निवारण सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी प्रणालियों की स्थापना;

प्रगति पर नज़र रखने, कार्यान्वयन में अंतराल की पहचान करने तथा सभी स्तरों पर उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए नियमित अनुवर्ती कार्रवाई और समीक्षा प्रणाली।

आयोग ने संबंधित प्राधिकारियों से आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है।

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