मध्यप्रदेश में अग्निशमन सेवाओं को सशक्त बनाने के दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है.
आपदा प्रबंधन ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश भर के नगरीय निकायों में 36 आधुनिक फायर स्टेशन स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है.
इसके लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर फंड आवंटित किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत नए फायर स्टेशन बनाने के साथ ही नए अग्निशमन वाहन भी खरीदी जाएंगे, ताकि आग लगने की घटनाओं पर तेज और प्रभावी तरीके से काबू पाया जा सके.
इसके साथ ही सरकार राज्य स्तरीय फायर कंट्रोल रूम भी विकसित करेगी, जिसे प्रदेश के सभी फायर स्टेशनों से जोड़ा जाएगा.
जिससे किसी भी घटना पर जल्दी नजर रखी जा सकेगी, आग लगने की जानकारी तुरंत मिलेगी और काम में बेहतर तालमेल बनेगा.
नगरीय प्रशासन विभाग ने परियोजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है. मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
इस योजन के तहत आठ जिलों में नए फायर स्टेशन बनाएं जाएंगे. इन जिलों में रीवा, सागर, छिंदवाड़ा, रतलाम, मुरैना, खंडवा, इंदौर और उज्जैन शामिल है.
इसके अलावा हाल ही में बने नए जिले जैसे मऊगंज, पांढुर्रा, मैहर, अनूपपुर और निवाड़ी में भी फायर स्टेशन प्रस्तावित हैं। साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों पीथमपुर, मंडीदीप, बामोर और मेघनगर को भी इस योजना में शामिल किया गया है.
इस योजना के तहत हर फायर स्टेशन करीब दो एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। हर केंद्र पर दो दमकल वाहन, एक बड़ी और एक छोटी तैनात रहेंगे. निर्माण और उपकरणों पर कुल 398 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है.
केंद्र सरकार 297 करोड़ का देगी योगदान
398 करोड़ में से 119 करोड़ रुपये फायर स्टेशन और वाहनों पर खर्च किया जाएगा. वहीं 20 करोड़ प्रशिक्षण पर, 178 करोड़ अत्याधुनिक उपकरणों पर, 20 करोड़ कंट्रोल रूम मजबूती पर और 59 करोड़ विशेष आवश्यकताओं पर खर्च किए जाएंगे.
इस परियोजना की कुल लागत में केंद्र सरकार 75 फीसदी ( लगभग 297 करोड़ रुपये) और राज्य सरकार 25 फीसदी (करीब 100 करोड़ रुपये) का योगदान देगी.



