मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में सुधार कर सरकार इन स्कूली बच्चों की सेहत बेहतर करने की तैयारी में है, जिससे मध्यप्रदेश में कुपोषण से निपटा जा सके और नौनिहालों की सेहत बेहतर रहे.
मध्यप्रदेश में सरकारी प्राइमरी और मिडिल क्लास के बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ दूध देने का निर्णय लिया गया है. इससे प्रदेश के 55 लाख बच्चों को फायदा मिलेगा. इन बच्चों को मिड डे मील के साथ दूध देने का प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने तैयार किया है, अब इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग से अभिमत लिया जा रहा है. इसी के अनुसार प्रस्ताव में जरुरी संशोधन भी किए जा रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने साल 2023 के विधानसभा चुनाव में अपने संकल्प पत्र में स्कूली बच्चों को मिड डे मील के साथ पौष्टिक सामग्री देने का वादा किया था.
अब इस वादे के क्रियान्वयन को पूरा करने के लिए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग, महिला बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसके बाद मिड डे मील के साथ ट्रेटा पैक दूध देने का मसौदा तैयार किया गया है. अब इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा.
पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव दीपाली रस्तोगी ने बताया, ” प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ ट्रेट्रा पैक दूध देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. शुरुआत में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ जिलों में ही लागू किया जाएगा.
इसके बाद इसे योजनाबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. ट्रेट्रा पैक्ड दूध अधिक समय तक खराब नहीं होता है, इसलिए विभाग ने 200 मिली लीटर का ट्रेट्रा पैक दूध बच्चों को देने का प्रस्ताव तैयार किया है.”
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेट्रा पैक दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह फोर्टिफाइड होगा, जिसमें कैल्शियम, विटामिन-ए और डी भी होता है. सबसे खास बात यह है कि ट्रेट्रा पैक दूध जल्दी खराब नहीं होता है. वहीं इसका परिवहन करना भी आसान है. ट्रेट्रा पैक में दूध की सुरक्षा के लिए आमतौर पर सिक्स लेयर होती है. इसीलिए राज्य सरकार ने मध्यान्ह भोजन के साथ बच्चों को खुले दूध या सामान्य पैकेट दूध की जगह ट्रेट्रा पैक दूध देने का विचार कर रही है.