मध्य प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों से एक के बाद एक दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें आगजनी और सड़क दुर्घटनाओं ने कई परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया. सीधी जिले के जिला अस्पताल में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अस्पताल परिसर के पीछे खड़ी दो एंबुलेंस में अचानक आग लग गई. बताया जा रहा है कि ये दोनों एंबुलेंस पहले से ही खराब थीं और लंबे समय से एक कोने में खड़ी थीं.
आग इतनी भयंकर थी कि दोनों वाहन जलकर पूरी तरह राख हो गए. दमकल की टीम को आग पर काबू पाने में करीब 40 मिनट लगे.गौर करने वाली बात यह है कि बीते तीन महीने में यह तीसरी आगजनी की घटना है. सूत्रों के अनुसार, खराब एंबुलेंस की मशीनरी निकालकर अवैध बिक्री की जाती है और बाद में आगजनी कर कागजों में सब कुछ खत्म करने का प्रयास किया जाता है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा एजेंसी को नोटिस भी जारी किया गया है.
दूसरी घटना
वहीं मंडला ज़िले के नेशनल हाईवे-30 पर ओरई गांव के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. बाइक सवार दो युवक खड़े डंपर से टकरा गए, जिससे बाइक में आग लग गई और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों की पहचान संदीप भारतीय और श्याम भारतीय के रूप में हुई है, जो मोहगांव गांव के निवासी थे.
तीसरी घटना
उधर चित्रकूट ज़िले के मझगवां थाना अंतर्गत झरी गांव के पास एक और गंभीर सड़क हादसा हुआ. दो नाबालिग चचेरे भाई – अंकित यादव (15) और अंशु यादव (16) – रिश्तेदार की बाइक लेकर निकले थे, जो तेज़ रफ्तार में सड़क किनारे खड़े ट्रैक्टर-ट्रॉली से जा भिड़े. दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
साथ ही ग्वालियर के डबरा स्थित कमल टॉकीज चौराहे पर भीड़भाड़ वाले इलाके में एक तेज रफ्तार बिना नंबर की कार ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी. हादसे में बाइक सवार अनुराग सोनी और रविन्द्र जोगी घायल हो गए. रविन्द्र की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया है. दुर्घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। डबरा पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है और फरार आरोपी की तलाश शुरू कर दी है. बाजार में हुई इस घटना से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया.
इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आमजन को भी सतर्कता और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की ज़रूरत का संदेश दिया है.