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वीआईटी कॉलेज में छात्रों उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद एफआइआर दर्ज

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मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के कोठरी स्थित वीआईटी कॉलेज परिसर में मंगलवार और बुधवार को छात्रों ने भोजन और पानी की समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। घटना के बाद वीआईटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के. के. नायर की शिकायत पर अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस जांच कर रही है।

इस दौरान छात्रों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी की, जिससे कॉलेज को लाखों रुपए का नुकसान हुआ।

वर्तमान में परिसर और आसपास का क्षेत्र सामान्य स्थिति में है। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध संख्या 190, 191(1), 324(1), 326(g) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल कैंपस में हालात सामान्य हैं

पुलिस के अनुसार, मंगलवार को लगभग 2-3 हजार छात्र एकत्रित हुए और वीआईटी भोपाल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया। छात्रों ने परिसर में बसों, कारों और अन्य संपत्तियों में आग लगाई और तोड़फोड़ की। एक बस और तीन कारें पूरी तरह जल गईं, जबकि एक कार, तीन बसें, एक इलेक्ट्रिक ऑटो और एक इलेक्ट्रिक बग्गी क्षतिग्रस्त हुई।

हॉस्टल, हॉल और अकादमिक ब्लॉकों में तोड़फोड़

छात्रों ने बॉयज हॉस्टल (1 से 7), गर्ल्स हॉस्टल (1 और 2), चांसलर रेजिडेंसी हाउस, मल्टीपर्पस हॉल, लैब कॉम्प्लेक्स, सर्वेलेंस बिल्डिंग और एकेडमिक ब्लॉक-2 में तोड़फोड़ और आगजनी की। परिसर में मौजूद शिक्षकों और कर्मचारियों के वाहन भी क्षतिग्रस्त किए गए।

छात्रों ने कॉलेज के पांचों फूड कैटर्स में तोड़फोड़ की। उनके कैश लॉकर से पैसे निकाले गए और खाना बनाने की सामग्री और बर्तन फेंक दिए गए।

प्रशासन का कॉलेज में दौरा और बैठक

घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर बालागुरू के. और एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने कॉलेज पहुंचकर प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने घटना के मूल कारणों की जानकारी ली और स्थिति का जायजा लिया।

कलेक्टर के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कॉलेज के सभी बोरवेल, अंडरग्राउंड टैंक और वाटर कूलर से पेयजल के सैंपल कलेक्ट किए। सैंपल जिला जल प्रयोगशाला भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पीएचई और खाद्य सुरक्षा विभाग को भोजन और पेयजल के सैंपल लेकर शीघ्र जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

छात्रों की सुविधा और स्वास्थ्य पर ध्यान

कलेक्टर और एसपी ने अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए कि छात्रों की शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए। बीएमओ और मेडिकल टीम को परिसर में सतत तैनात रखा गया है ताकि छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था बनी रहे। एसडीएम और एसडीओपी को कॉलेज प्रबंधन को सुधारात्मक निर्देश लिखित रूप में जारी करने और भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के ठोस कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।

प्रशासन की सक्रियता और संवेदनशीलता के बाद कॉलेज परिसर और आसपास का क्षेत्र वर्तमान में सामान्य स्थिति में है। पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार निगरानी बनाए हुए है।

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