नई दिल्ली। भारत समेत कई देशों में एक बार फिर धरती डोली है। भारत के पश्चिम बंगाल-बिहार समेत पड़ोसी देश नेपाल, तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलामें गुरुवार-शुक्रवार की मध्य रात्रि भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल में गुरुवार को देर रात भूकंप के कई झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 और 5.5 मापी गई। भारत में पटना के लोगों को सुबह 2.35 बजे जोरदार झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी भी तीव्रता 5.5 दर्ज की गई। वहीं बंगाल में सबसे तेज झटके सिलीगुड़ी में महसूस किए गए। राहत की बात यह रही की भूकंप के झटकों से किसी के हताहत होने की खबर नही है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके नेपाल के बागमती प्रांत में भी तड़के करीब 2.35 बजे महसूस किए गए। नेपाल का बागमती प्रांत बिहार के मुजफ्फरपुर से 189 किलोमीटर उत्तर में पड़ता है। इस भूकंप में अभी तक किसी भी तरह की जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं है। नेपाल ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश तिब्बत में भी यह झटके महसूस किए गए। काठमांडू से 65 किलोमीटर पूर्व में सिंधुपालचौक जिले में कोडारी राजमार्ग पर तड़के तीन बजकर 51 मिनट पर भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 दर्ज की गई। भूकंप काठमांडू घाटी और उसके आसपास महसूस किया गया।
बंगाल के सिलीगुड़ी में कांपी धरती
बंगाल के सिलीगुड़ी में रहने वाले तरुण चौधरी ने बताया कि मैं सो रहा था, मेरी पत्नी ने मुझे जगाया। हमें झटके महसूस हुए। हमने अपने बच्चों को जगाया। हम सभी डर गए थे। हमने देखा कि कॉलोनी में सभी लोग जाग गए थे। कल रात कोई नुकसान नहीं हुआ, मैं अब फिर से जांच करूंगा। एक अन्य स्थानीय शख्स अभिमान रॉय ने बताया कि मैंने देर रात भूकंप के झटके महसूस किए। हम थोड़े डरे हुए थे, लेकिन अब कोई समस्या नहीं है। कोई नुकसान नहीं हुआ।
पाकिस्तान में भूकंप के तेज झटके कए गए महसूस
िवहीं, पाकिस्तान में भी सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता 4.5 रही। इससे पहले 16 फरवरी को भी पाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप का केंद्र रावलपिंडी से आठ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था। भूकंप के झटकों की वजह से किसी भी तरह के नुकसान की खबरें सामने नहीं आई है।
भूकंप के दौरान क्या करें?
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।