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मप्र कांग्रेस के जिलाध्यक्षों को बुलाया गया दिल्ली

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मध्य प्रदेश कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को दिल्ली बुलाया गया है। 3 अप्रैल को कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जिलाध्यक्षों की बैठक लेगा, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे। बैठक से पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस अपने सभी जिला अध्यक्षों को ट्रेनिंग दे दी है। मीटिंग में क्या बोलना है और क्या नहीं, इसके बारे में उन्हें बता दिया गया है। गुजरात में होने वाले अधिवेशन से पहले दिल्ली में बैठक होगी।

बैठक से पहले सभी जिला अध्यक्षों को ट्रेंड कर दिया गया है। जिला अध्यक्षों की को वर्चुअली ली गई बैठक में उन्हें बताया गया कि जो कुछ बोलना वह सोच समझ कर बोलना, साथ ही यदि किसी से पूछा जाए कि मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में कितने ब्लॉक हैं, तो एक हजार मत बता देना।

जिला अध्यक्षों को यह बताया गया कि किस तरह से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सवालों का जवाब देना है। उन्हें यह भी कहा गया कि अपने जिले की हर जानकारी से अपडेट रहें। जिसमें कितने विधायक कांग्रेस के, कितने विधायक भाजपा के।

ओबीसी की कितनी संख्या, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की संख्या कितनी है। कितने अल्पसंख्यक हैं। इसके साथ ही वहां पर कांग्रेस की पूर्व में क्या स्थिति रही और वर्तमान में कांग्रेस की यहां पर क्या-क्या संभावनाएं हैं। साथ ही कांग्रेस के विधायक संगठन के कार्यक्रम में कितने सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा संगठन के पदाधिकारियों की क्या भूमिका होनी चाहिए, ताकि पार्टी उनके क्षेत्र में चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सके। ऐसे तमाम बिंदुओं पर सभी जिला अध्यक्षों को अपडेट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इन दिनों राहुल गांधी, खडगे सहित कांग्रेस के अन्य नेता सभी राज्यों के जिला कांग्रेस के अध्यक्षों से चर्चा कर रहे हैं। जिसमें वे 750 जिला अध्यक्षों से बातचीत कर रहे हैं। इसमें कुछ जिलों के अध्यक्षों से वे बैठक कर चुके हैं, जबकि मध्य प्रदेश के जिला अध्यक्षों से तीन अप्रैल को बैठक करेंगे।

इस बैठक में ये नेता जिला अध्यक्षों से उनके क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत करने का प्लान भी पूछा जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र में कांग्रेस कैसे मजबूत हो और भाजपा के उस क्षेत्र में क्या माइनस पाइंट्स हो सकते हैं इस पर भी तैयारी करने को कहा गया है। कांग्रेस कैसे उनके जिले में घर-घर तक पहुंचे, इस का जवाब देने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों के कामकाज को लेकर एक फॉर्मेट भी तैयार किया है। हर 2 महीने में अपने काम की रिपोर्ट जिला अध्यक्षों को देनी होगी। मध्य प्रदेश कांग्रेस से जिला अध्यक्षों को टास्क दिया है। टास्क रिपोर्ट एमपी कांग्रेस को भेजनी होगी। आपको बता दें कि दिल्ली ने 16 साल बाद जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है।

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