कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों हुई हिंसा के बाद से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चौतरफा वार हो रहा है। एक ओर जहां राज्यपाल सीवी आनंद बोस दो दिन से मुर्शिदाबाद में डेरा डाले हुए हैं। वह कल शुक्रवार को हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद पहुंचे थे। वे सबसे पहले मालदा पहुंचे थे और राहत शिविरों में अपना समय काट रहे दंगा पीड़ितों से मिलकर उनका हालचाल जानाथा। अब बोस आज यानी शनिवार को मुर्शिदाबाद दौरे पर पहुंचे हैं। जहां वे हिंसा में जान गंवाने वाले और दंगा प्रभावितों से मुलाकात करेंगे। अपने दौरे पर बोस ने कहा, यह कल के दौरे का विस्तार है। मैं आज हिंसा प्रभावित वाली जगहों पर जाऊंगा और पीड़ितो से बात करूंगा। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी मुर्शिदाबाद पहुंच गई है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी शुक्रवार रात मालदा में ही रुकी और शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंची। एनसीडब्ल्यू की टीम मुर्शिदाबाद हिंसा के केंद्र शमशेरगंज में पीड़ितों से मुलाकात की और पीड़ितों को ढांढस दिलाया। ये टीम उन घरों को देखने को भी पहुंची जो आगजनी की चपेट में आए हैं। इस दौरान बंगाल बीजेपी नेता श्रीरूपा मित्रा भी साथ हैं। उसके बाद रविवार को ये टीम कोलकाता में राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मिलेगी। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर गुरुवार को कोलकाता पहुंचीं थी। उन्होंने कहा- इस दौरे का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं का मनोबल बढ़ाना है। इन लोगों को जो पीड़ा हो रही है वह अमानवीय है। हम उनकी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे।
कानून व्यवस्था बनाए रखका राज्य सरकार की जिम्मेदारी
राज्यपाल बोस ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर राज्य को मदद की जरूरत है, तो हम केंद्र बल भेजने के लिए तैयार है। उन्होंने दौरे की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपने की भी बात कही। वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ वह आंखें खोलने वाला था। जिहादी सनातनी लोगों के घर, दुकानें और मंदिर जला रहे हैं। क्या यह सीरिया, अफगानिस्तान या पाकिस्तान है? पॉल ने जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मांग की। उन्होंने कहा- लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तव में क्या हुआ था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इसमें क्या भूमिका थी।
वक्फ कानून को लेकर भड़की थी हिंसा
बता दें वक्फ संशोधन कानून को लेकर 11 और 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सूती, धूलियान और जंगीपुर में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे। 274 लोगों को दंगे और तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पूरे इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। अभी भी इलाके में तनाव है। शुक्रवार की नमाज के बाद सबसे पहले शमशेरगंज ब्लॉक के धूलियान में हिंसा की चिंगारी भड़की थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी थी और सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे। हिंसा से सहमे बड़ी संख्या में लोग पलायन कर गए थे और नाव के जरिए मालदा के स्कूल में पहुंच गए थे। यहां अस्थाई राहत शिविर बनाया गया है।