दिल्ली कार ब्लास्ट से जुड़ी एक कड़ी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की महू तहसील तक पहुंच गई है। कार ब्लास्ट के मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी, डॉक्टर शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील जिस अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। उसका चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी महू का रहने वाला है। यहां पर उसका आलीशन मकान बना हुआ है।
महू के कायस्थ मोहल्ले में जवाद अहमद का चार मंजिला मकान है। जिसमें 20 से ज्यादा खिड़कियां हैं। उसके घर को स्थानीय लोग मौलाना की बिल्डिंग के नाम से जानते हैं। उसके पिता हम्माद सिद्दीकी शहर काजी थे। उनके परिवार की शहर में अच्छी प्रतिष्ठा थी। साल 1995 में उनकी मौत हो गई थी।
जवाद अहमद सिद्दीकी का जन्म 15 नवंबर 1964 को हुआ था। उसकी लिंकडइन प्रोफाइल के मुताबिक, जवाद अहमद सिद्दीकी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से इंडस्ट्रियल और प्रोडक्ट डिजाइन में बीटेक किया था।
मिली जानकारी के अनुसार, उसने 1993 में जामिया मिलिया इस्लामिया में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बतौर लेक्चरर बच्चों को पढ़ाना शुरु किया था।
शहर काजी हम्माद सिद्दीकी के बेटे जवाद अहमद सिद्दीकी करोड़ों की ठगी का आरोपी था। उसने और उसके भाइयों ने मिलकर अल – फहद बैंक के नाम से फर्जी चिटफंड कंपनी खोली थी।
लोगों को मोटी कमाई का लालच देकर करोड़ों रुपए इकट्टठे किए और साल 2001 में पैसा समेत परिवार लेकर रातोंरात दिल्ली भाग गया। जिसके बाद धोखाधड़ी के मामले में 6 साल की सजा काटी। फिर फरीदाबाद जाकर उसने अल फलाह कॉलेज की नींव रखी, जो कि जाकर विश्वविद्यालय बन गया।



