ग्वालियर। कांग्रेस 25 से 30 अप्रैल के बीच पूरे देश में “संविधान बचाओ रैलियां” आयोजित कर रही है। मध्यप्रदेश की इसकी शुरुआत सोमवार को ग्वालियर से हुई। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से रैलियां और जनजागरण अभियान चलाए जाएंगे। ग्वालियर के फूलबाग में आयोजित की गई कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी शामिल हुए। खास बात यह रही रैली में मंच में बैठने को लेकर नेताओं के बीच जमकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया की दिग्विजय सिंह को कना पड़ा की अब मैं मंच पर कभी नहीं बैठूंगा।
दिग्गी ने संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि वह अब कभी मंच पर नहीं बैठेंगे। मंच के नीचे बैठेंगे। जब उनके बोलने की बारी आएगी, तभी वो मंच पर चढ़ेंगे। दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेताओं से मंच की लड़ाई खत्म करने की अपील की है। दरअसल, रैली में करीब 4 से 5 हजार नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। मंच पर बैठने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में विवाद हुआ। जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने मंच से ही ये बातें कहीं।
दिग्गी बोले- कृपया मंच की लड़ाई को समाप्त कर दीजिए
दिग्विजय सिंह ने कहा- मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि मंच की लड़ाई समाप्त करें। आपसे अनुरोध करता हूं कि मैं अब कांग्रेस या किसी भी मंच पर नहीं बैठूंगा। मैं नीचे बैठ जाऊंगा। बस इतना अनुरोध है कि जब बोलने का अवसर आए, तब मुझे बुला लिया जाए। कृपया मंच की लड़ाई को समाप्त कर दीजिए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो लोग लाते हैं, वे बेचारे रह जाते हैं, और हमारे लोग मंच पर आ जाते हैं। इन बातों पर ध्यान दीजिए।
जिला और विधानसभा स्तर पर भी रैलियों का कार्यक्रम
- जिला स्तरीय रैलियां (3 से 10 मई): सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता महंगाई, बेरोजगारी, कृषि संकट और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
- विधानसभा स्तरीय रैलियां (11 से 17 मई): हर विधानसभा क्षेत्र में नेताओं और सामाजिक कार्यकतार्ओं के नेतृत्व में संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग और आम लोगों के अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलेगा।
- घर-घर संपर्क अभियान (20 से 30 मई): 20 से 30 मई के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से संवाद करेंगे। विशेष जोर महंगाई, बेरोजगारी और संवैधानिक अधिकारों के हनन जैसे मुद्दों पर रहेगा। साथ ही अभियान का प्रचार साहित्य वितरित किया जाएगा और सोशल मीडिया के जरिए भी संवाद को सशक्त बनाया जाएगा।