मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दिल्ली से आई कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम ने शुक्रवार को प्रायोरिटी कारिडोर के मेट्रो स्टेशनों का निरीक्षण किया।
सुबह 10 बजे शुरू हुआ यह निरीक्षण शाम पांच बजे तक चलता रहा। इस दौरान टीम ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक स्टेशनों, ट्रैक, सिग्नलिंग और सुरक्षा मानकों की पड़ताल की।
वहीं, कमिश्नर नीलाभ्र सेनगुप्ता ने मेट्रो के दरवाजे से बार-बार अंदर-बाहर होकर यात्री सुरक्षा के मानकों पर उसका प्रदर्शन परखा। इसके बाद सीएमआरएस की टीम ने पूरी रिपोर्ट को भी बारीकी से परखा। रिपोर्ट में यदि सभी मानक संतोषजनक पाए जाते हैं, तो नवंबर के अंतिम सप्ताह तक भोपाल मेट्रो को पटरियों पर उतारा जा सकता है। अंतिम तिथि शासन स्तर पर तय की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान टीम के सदस्य मेट्रो में सवार होकर केवी विद्यालय और बोर्ड आफिस स्टेशन पर तीन घंटे से ज्यादा समय तक रुके। टीम ने चलती मेट्रो में एमपी नगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बीच इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ब्रेकिंग सिस्टम की गुणवत्ता जांची।
इसके अलावा सुभाष नगर, केंद्रीय विद्यालय, एमपी नगर और डीआरएम तिराहा जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर भी ब्रेकिंग और सुरक्षा प्रणालियों का परीक्षण किया गया।
पहली बार भोपाल पहुंचे मेट्रो कमिश्नर नीलाभ्र सेनगुप्ता भी पूरी टीम के साथ मौजूद रहे। उन्होंने भी ट्रैक पर घूमकर कई तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण किया।
मेट्रो स्टेशन में चल रहे एंट्री-एग्जिट के काम को लेकर अधिकारियों के बीच सवाल-जवाब हुए। तीन दिवसीय निरीक्षण के अंतिम चरण का मूल्यांकन शनिवार को किया जाएगा, जिसके बाद टीम दिल्ली लौट जाएगी।
सीएमआरएस टीम के आने से पहले ही मेट्रो प्रबंधन ने स्टेशनों पर अधूरे कामों को तेजी से पूरा किया। जहां-जहां फिनिशिंग में देरी हो रही थी, वहां चार से पांच बुलडोजर मशीनें लगाकर कार्य को गति दी गई। खासकर केवी स्टेशन के नीचे चल रहे सड़क निर्माण को टीम के आने से पहले तेजी से निपटाया गया।



