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इतिहास के राष्ट्र नायकों की सीएम योगी ने की खूब सराहना, अकबर-औरंगजेब को लेकर कही यह बात, निशाने पर रहे अबू आजमी भी

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नोएडा। उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान योगी इतिहास के महान योद्धाओं और शासकों के योगदान की खुले दिल से सराहना की। वहीं महाराष्ट्र से सपा विधायक अबू आजमी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग महान योद्धाओं का आदर नहीं कर सकसते वे किसी मानसिक विकृति के शिकार हैं। उनके इलाज की आवश्यकता है। हालांकि योगी ने आजमी का नाम नहीं लिया।

योगी ने देश के महान योद्धाओं की तारीफ करते हुए कहा कि असली नायक तो महाराणा प्रताप हैं, जिन्होंने अकबर को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। नायक तो छत्रपति शिवाजी महाराज हैं, जिन्होंने औरंगजेब को घुट-घुटकर बेमौत मरने के लिए मजबूर कर दिया। इसलिए नायक शिवाजी महाराज हैं, औरंगजेब नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि “राष्ट्र नायकों के सम्मान के बिना वर्तमान पीढ़ी आगे नहीं बढ़ सकती है।”

इतिहास में ऐसे भी नायक हुए
उन्होंने जोर देकर कहा कि इतिहास में ऐसे नायक भी हुए हैं जिन्होंने कठिनाईयों का सामना करते हुए भी अपने आदर्शों और मूल्यों से समझौता नहीं किया। महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज के उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महान योद्धाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ अपने प्राणों की बाजी लगाई। योगी ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें सदैव प्रेरणा देता है। आज भी कोई चित्तौड़गढ़ जाता है तो हल्दीघाटी की माटी ले जा करके उसे तीर्थ के रूप में सम्मानित करता है। याद करिए ये भारत के अंदर ही हो सकता है। महाराणा का घोड़ा चेतक भी हम सब के लिए नई प्रेरणा छोड़कर गया है। स्वामी भक्ति का इससे अच्छा उदाहरण दूसरा क्या मिल सकता है। ये है भारत का इतिहास।

जिन्होंने हमारी संस्कृति को रौंदने का प्रयास किया वह नहीं हो सकते राष्ट्रनायक
यूपी ने कहा कि जिन्होंने सनातन धर्म, भारत और संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया हो, जिन्होंने हमारी परंपरा को रौंदने के लिए तमाम षड़यंत्र किए हों, वो भारत के कभी भी राष्ट्रनायक नहीं हो सकते। हम राष्ट्रनायक उन्हें मानते हैं, जिन्होंने राष्ट्र और धर्म के लिए कुछ समर्पित किया हो। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज और गुरु गोविंद सिंह का योगदान इस दिशा में अविस्मरणीय है। जिन्हें भारत इतिहास और परंपरा की जानकारी नहीं। वे भारत की संस्कृति को भी नहीं जान पाएंगे। उन लोगों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। वे आज भी कूप मंडूक बन करके जी रहे हैं।

गंगा का पानी कभी नहीं होता अशुद्ध
योगी ने कहा कि याद करिए महाकुंभ को। कोई विधर्मी महाकुंभ के बारे में दुष्प्रचार करता था, उतनी ही बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ आकर उन्हें चिढ़ाते थे। कोई बोलता था कि यहां गंदगी है, तो जनता जनार्दन और सनातन धर्मावलंबियों उन्हें जवाब देते थे कि बहता पानी और रमता जोगी कभी गंदा नहीं होता है। कभी अशुद्ध नहीं होता है। मेरी आस्था है कि मैं त्रिवेणी के महासंगम को पवित्र भाव से देखता हूं और उसी पवित्र भाव के साथ 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाता है।

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