मध्य प्रदेश को उद्योग एवं रोजगार वर्ष-2025 में सोमवार को लुधियाना में उद्योगपतियों के साथ आयोजित इंटरेक्टिव सेशन में निवेश की दृष्टि से काफी अच्छा रिस्पॉंस मिला है। मप्र के लिए लगभग 15 उद्योग समूहों ने ₹15,606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिनसे 20,000 से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यह प्रस्ताव पीएम मित्र पार्क (धार), पीथमपुर, सीहोर, मोहासा बाबई (नरसिंहपुर) और इंदौर के लिए प्राप्त हुए हैं। औद्योगिक निवेश की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
लुधियाना में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने टेक्सटाइल, मशीन टूल्स, ऑटो और इंजीनियरिंग से जुड़े प्रमुख उद्योगपतियों के साथ संवाद किया और उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित भी किया। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि हमारा प्रदेश आज निवेशकों के लिए विश्वसनीय और प्रगतिशील राज्य के रूप में पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति कर रहा है। पंजाब बड़ा और मध्य प्रदेश छोटा भाई है, अब मिलकर कार्य करेंगे। भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। जीआईएस में मध्य प्रदेश ने उद्योग केंद्रित नीतियों को दुनिया के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि पंजाब वीरों की धरती है, इसकी अलग ही पहचान है। यह गुरु परंपरा की अद्भुत धरती है। मध्य प्रदेश के इंदौर की पहचान स्वच्छता में है, तो लुधियाना की पहचान उद्योगों से है। यह पंजाब का मैनचेस्टर है। यहां की विरासत सिंधु घाटी सभ्यता से पहले की है। लुधियाना से एवन और हीरो साइकिलों ने पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और पंजाब बिछुड़े भाई है। पंजाब बड़ा और मध्य प्रदेश छोटा भाई है। अब मिलकर कार्य करेंगे। हम आपको मध्य प्रदेश में काम करने के लिए आमंत्रित करने आए हैं। सरकार सबका स्वागत करती है और सभी निवेशकों की मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत बदलते दौर में सिरमोर बन रहा है। एक तरफ युद्ध तो दूसरी ओर बड़ी डील्स की बात भी चलती है। उद्योगपतियों से कई लोगों को पेट पलता है और गरीबों के जीवन में उजाला आता है। यह एक पवित्र कार्य है। हम अपने परिवार का पोषण करते हुए दूसरों का भी घर रोशन करते हैं। 300 साल पहले व्यापार करते करते गुलामी की दास्ता फैल गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब शहीद भगत सिंह की धरती है, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान देकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई। आप लोग यहां भी काम करते रहें और विस्तार करते हुए एक फैक्ट्री मध्य प्रदेश में भी लगाएं। पंजाब के अंदर एक मालवा भी है। एक दौर था जब शकों के सम्राज्य में वीर विक्रमादित्य ने अपनी सेना के बल पर देश को शकों से आजाद कराया था। माल वालों के पास ही मालवा होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने उद्योगपतियों को सौगात दी है। टेक्सटाइल सेक्टर के इंडस्ट्रियल वर्कर्स की सैलरी में सरकार 5000 रुपए की मदद देगी। स्कूली बच्चों को साइकिलें बांटी जा रही हैं। साइकिलें पंजाब में बनती हैं। जीआईएस में मध्य प्रदेश ने अपनी उद्योग केंद्रित नीतियों को दुनिया के सामने रखा। उद्योग विभाग की जिम्मेदारी भी मेरे पास है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सोने की चिड़िया की पहचान रखता था। 1947 में देश आजाद हुआ। तब भारत अर्थव्यवस्था में दुनिया में 15वां स्थान रखता था। इजरायल और जापान कहां से कहां पहुंच गए। 2014 में भारत 11वें स्थान पर था और आज बदलते दौर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। बीते 11 वर्ष में देशभर में उद्योग-व्यापार में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने कोयंबटूर, सूरत और अब लुधियाना में रोड शो किया है। राज्य में संभागीय स्तर पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव भी आयोजित की गईं। इसी साल फरवरी में भोपाल में हुई जीआईएस के माध्यम से मध्य प्रदेश को 30 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले थे। राज्य में सेक्टर आधारित समिट जारी हैं। मध्य प्रदेश खनिज संपदा से संपन्न है। शहडोल में आयरन, पन्ना में हीरा और सिंगरौली में तो सोने की खदान मिली है।