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निहितार्थ

इस कहावत में कहीं भी फिट नहीं है कांग्रेस

ताज्जुब यह नहीं है कि इस दल ने फिलिस्तीन का समर्थन किया, ताज्जुब यह कि इससे जुड़े प्रस्ताव में इजरायल के लिए समर्थन तो दूर, संवेदना तक को स्थान नहीं दिया गया है। अब जाहिर है कि हमारे देश में यहूदी वर्ग के मतदाता नहीं हैं। शायद इसीलिए कांग्रेस को इजरायल में मारे गए करीब एक हजार लोगों और फिलस्तीन समर्थक आतंकवादी संगठन हमास द्वारा बंदी बनाए गए असंख्य इजरायलियों से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन वह फिलिस्तीन के लिए दुखी है।

राहुल के ये सत्यम, शिवम, सुंदरम…

कांग्रेस में राहुल गांधी को चतुर मानने वालों की आज भी कमी नहीं है। लेकिन पार्टी में गांधी-नेहरू परिवार के आभामंडल से कुछ अंश में भी अछूता हरेक व्यक्ति राहुल की क्षमताओं पर पूरा विश्वास रखता है। इसलिए वह यकीन से कह सकता है कि राहुल ने हाल ही में 'सत्यम, शिवम, सुंदरम' शीर्षक से जो लेख रचने का दावा किया है, वह दरअसल किसी दूसरे के ज्ञान पर अपना नाम लिख देने की जुगाड़ से अधिक और कुछ भी नहीं है।

ये पसंद नहीं है…. तो ये लीजिए’

विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी सूची इसी किस्से से मिलती जुलती है। चुनाव में आप किसी को 'हमें ही वोट दो' कहकर बाध्य नहीं कर सकते, लेकिन यह माहौल तो बना ही सकते हैं कि मतदाता के पास आप से हटकर और कोई विकल्प की संभावना कम रह जाए। यूं नहीं कि प्रदेश का मतदाता शिवराज सिंह चौहान से नाखुश है। हां, ऐसे नाखुश लोगों की भाजपा में अच्छी-खासी संख्या पनप चुकी है।

कांग्रेस की माइनस मार्किंग का शिवराज फैक्टर

दशकों पहले 'गरीबी हटाओं' का नारा देने वाली कांग्रेस इसे अचंभे से देख सकती है। कोई सत्तारूढ़ दल 'गरीब कल्याण महाअभियान' भी चला सकता...

कर्नाटक में कांग्रेस का ‘मैंने ऐसा तो नहीं कहा था’ वाला नाटक

गुजरे दौर की एक फिल्म याद आ गयी। नायक रूमानियत से भरा गीत गा रहा है, लेकिन हर अंतरे पर नायिका उसके सारे किए-धरे...

इसे सियासत न मानें शिवराज की

समय है कि इस सबमें राजनीतिक निहितार्थ तलाशने की बजाय हम इसके अभ्यस्त हो जाएं। यदि मुख्यमंत्री निवास में एक पीड़ित आदिवासी के पांव...

तमाशाई बन जाएंगे खुद तमाशा !

विषय अलग-अलग हैं, लेकिन उनमें गजब का साम्य है। फ़िल्मी गीत 'गजर ने किया है इशारा…' काफी लोकप्रिय रहा। गजर यानी घड़ी का वह...

चाय वाला बनाम चाय का खोमचा

फ़िलहाल यह मामला चाय का खोमचा लगाने वाले उस शख्स जैसा लग रहा है, जिसने अपने दोस्त से दावा किया कि यदि उसे अंबानी...

कर्नाटक से मप्र के बीच तक कांग्रेस की ये उलटबासी

एक लघुकथा याद आ गई। सुबह के समय मुसाफिरों की वह बस एक मंदिर की तरफ जा रही थी। उसमें बुजुर्गों की खासी भीड़...

स्वागत योग्य है भ्रष्टाचार की दुर्गति के लिए शिवराज की यह गति 

उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी संजय कुमार जैन का ऑडियो वायरल होने के बाद से ही इस बात का इंतजार था कि मामले में...

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