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निहितार्थ

बोलने से पहले और बोलने के बाद राहुल की स्थिति…….

प्रकाश भटनागर वह शख्स यकीनन घाघ होने की हद तक चतुर है, जो राहुल गांधी के लिए वैचारिक खुराक का बंदोबस्त करता है। वो लोग...

मनमोहन को सच्ची श्रद्धांजलि कैसे देंंगे आज के कांग्रेसी?

प्रकाश भटनागर देश के प्रमुख अर्थशास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इतिहास में दर्ज हो गए। ये एक ऐसा इतिहास है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव...

सीएम के तौर पहला जन्मदिन मोहन का 

प्रकाश भटनागर मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव आज एक साल के हो गए हैं। तो कैसा रहा है उनका ये अब तक का सफर?...

कांग्रेस और वामपंथ, एक सिक्के के दो पहलू

प्रकाश भटनागर एक कहानी यूं तो मार्मिक अर्थ वाली है, लेकिन आज की बात के संदर्भ में उसे परिवर्तित नजरिए से भी समझा जा सकता...

मोहन की ‘भागवत ‘ को नए अध्यायों की आवश्यकता

प्रकाश भटनागर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ के स्थापना दिवस विजया दशमी पर बेहद शालीन तरीके से योगी आदित्यनाथ की 'बटोगे तो कटोगे' वाली...

इन नतीजों के मायने

प्रकाश भटनागर हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों ने नरेन्द्र मोदी और भाजपा को बहुत जल्दी होने वाले महाराष्ट्र और...

राहुल गांधी अब नादान परिंदे नहीं हैं…

प्रकाश भटनागर अमेरिका में राहुल के कहे और किए के बाद अब राहुल गांधी को 'नादान परिंदे' वाली छवि से जोड़कर देखना बड़ी भूल होगी।...

नए एक्सटेंशन वाली दिशा में आगे बढ़ते मोहन यादव

प्रकाश भटनागर किसी अच्छे काम को आगे ले जाना समझदारी है। वैसे भी मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री भले ही बदले हों लेकिन सरकार में वहीं राजनीतिक...

गैरों पे करम…. अपने ही लिए गड्ढा खोद रही भाजपा

भाजपा जिस तरह अपनी विचारधारा के किसी समय के विरोधियों को पार्टी की मुख्यधारा में स्थान दे रही है, उससे पार्टी के भीतर ही निराशा और क्रोध की उस धारा का संचार भी होने लगा है, जो इस दल के लिए किसी भी तरह शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता।

नादानी में राहुल से मुकाबला करने पर क्यों आमादा है भाजपा

राहुल जिस तरह पानी पी-पीकर हिंदुओं और हिंदुत्व को कोस रहे थे, उसके चलते यह तय था कि यदि उनकी आक्रामकता का यही रुख जारी रहने दिया जाता तो वह बोलने के रौ में हिंदुओं को लेकर खुद और अपनी पार्टी की विचारधारा को एक्सपोज कर देते। आखिर भाजपा को हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में चौबीस करोड़ वोट और 240 सीटें मिली हंै। कांग्रेस को भाजपा से पूरे दस करोड़ वोट कम मिले हैं।

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