हैदराबाद (तेलंगाना)। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं, उनके लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं। भाजपा सांसद के इस बयान पर सियासी भूचाल मच गया है। विपक्ष ने निशिकांत दुबे को अपने निशाने पर लिया है। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर पलटवार किया। ओवैसी ने निशिकांत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा के सदस्य इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि वे अब न्यायपालिका को धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं। क्या आपको पता है (अनुच्छेद) 142 (संविधान का) क्या है? इसे बीआर अंबेडकर ने बनाया था। वे तुमसे ज्यादा दूरदर्शी थे।
उन्होंने भाजपा का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘आप लोग ट्यूबलाइट हैं। न्यायालय को इस तरह से धमकी दे रहे हैं। संवैधानिक प्रावधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय को किसी भी मामले में पूर्ण न्याय देने का अधिकार देता है। ओवैसी ने आगे कहा, आप लोग सत्ता में हैं और आप इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि आप कोर्ट को धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं। मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे तो देश कमजोर हो जाएगा। देश आपको माफ नहीं करेगा और कल आप सत्ता में नहीं रहेंगे। भारत का हिंदू भी जान चुका है कि वक्फ का कानून बनने से क्या मुझे नौकरी मिलेगी? हिंदू जान चुका है कि मुसलमानों की नफरत को दिखाकर बीजेपी वोट बटोरती आई है। दिखाने के लिए कुछ नहीं है। 4।5 फीसदी युवा बेरोजगार हैं। इनकी बेरोजगारी को दूर करने का कोई प्लान नहीं है।
यह बोले थे निशिकांत दुबे
बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्धों को भड़का रहा है। इसके अधिकार पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि अगर सर्वोच्च न्यायालय को कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। दुबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से आगे जा रहा है। अदालत संसद द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर रही है और यहां तक कि राष्ट्रपति को निर्देश दे रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत कानून बनाना संसद का काम है और अदालत की भूमिका कानून की व्याख्या करना है।आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर निर्णय लेना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं। जब संसद बैठेगी, तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी।
क्या बोले बीजेपी अध्यक्ष नड्डा?
हालांकि, बीजेपी ने दुबे के बयान से किनारा कर लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका और देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन बीजेपी ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और ना कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। बीजेपी इन बयान को सिरे से खारिज करती है। नड्डा ने आगे कहा, बीजेपी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है। उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट समेत देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं। संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं। मैंने इन दोनों को और सभी को ऐसे बयान ना देने के लिए निर्देशित किया है।



