भोपाल। बिहार स्थापना दिवस के मौके पर मप्र भाजपा ने इंदौर में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार और बिहार से विधायक गायत्री देवी मौजूद रहीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने बिहार की खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार और मध्यप्रदेश का प्राचीन काल से ही गहरा नाता रहा है। भारत देश के वैभवकाल में पाटलिपुत्र और अवंतिका सत्ता के दो केंद्र हुआ करते थे। सम्राट अशोक की राजधानी पाटलिपुत्र रही, लेकिन उनकी संतति ने मध्य प्रदेश से ही श्रीलंका में बौद्ध धर्म के प्रचार की नींव रखी। सीएम ने कहा कि मां गंगा के पावन जल में मध्यप्रदेश की नदियों का जल भी समाहित है। मध्यप्रदेश से निकलने वाली अनेक नदियां अंतत: गंगा में जाकर समाहित होती है।
भोजपुरी भाषा में हमारा भी योगदान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- जब विधर्मी यहां आए तो परमार वंश के शासकों ने देश-धर्म बचाने के लिए पूर्वोत्तर में शरण ली। उन्होंने बिहार में शरण ली। इसलिए भोजपुरी भाषा में हमारा भी योगदान है। ऐसे कई ऐतिहासिक प्रमाण मिलेंगे। हमारी चंबल नदी गंगा जी से मिलकर बिहार की तरफ यात्रा करती है। सोन नदी छत्तीसगढ़ होते हुए बिहार में प्रेम लुटाती है। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि असंभव से असंभव काम करने वाला बिहार से आता है।
बिहार ने विकास के गढ़े नए आयाम
वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मांग पर घोषणा की कि इंदौर में छठ पूजा के लिए तीन तालाबों पर घाट बनाया जाएगा। सरकार की सहभागिता से मेले का आयोजन भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने कहा कि यहां टिगरिया बादशाह और पिल्याहना तालाब पर 2 घाट बनना चाहिए। मैं घोषणा करता हूं कि इंदौर में छठ पूजा के लिए तीन तालाब पर घाट बनाए जाएंगे। मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सरकार की सहभागिता रहेगी। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में बिहार ने विकास के नए आयाम गढ़े हैं और आने वाले दिनों में विकास का यह पहिया और भी तेजी से घूमेगा।