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मप्र के विधायकों के नए आशियाने का भूमिपूजन, मोहन बोले- यह विश्रामगृह नहीं, सेवा गृह है

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भोपाल। मध्यप्रदेश के माननीयों की मौज होने वाली है। दरअसल पुराने विधायक विश्राम गृह को तोडकर 159 करोड में 102 आलीशान फ्लैट्स बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विधायकों के लिए बनने जा रहे आधुनिक फ्लैट्स का सोमवार को भूमिपूजन किया। भूमिपूजन के कार्यक्रम के अवसर पर संसदीय कार्य एवं नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी मौजूद रहे।

इन नए फ्लैट्स की डिजाइन आधुनिक होगी। फ्लैट्स के लिए एक विशेष लेआउट तैयार किया गया है, जिससे विधायकों को अधिक स्थान और आरामदायक वातावरण मिल सके। यह आवास सुविधा न केवल आवासीय जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि प्रतिनिधियों को राजधानी में एक बेहतर जीवनशैली भी देगी। भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. यादव ने कहा कि नए दौर के नए समय में मप्र लगातार बढ़ रहा है। यह विश्राम भवन नहीं सेवा भवन है। विधायकों के कार्यालय भी आधुनिक होना चाहिए। पहले चरण में 102 आवास बनाए जा रहे हैं। दूसरे चरण की भी घोषणा करता हूं। हमारी एक एक चीज को विश्व में विशेष तौर पर देखा जा रहा है।

योग केंद्र, स्विमिंग पूल जैसी होंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
सीएम ने कहा कि प्रदेश में जो सौगातें जुड़ रही हैं, वे सिर्फ निर्माण नहीं हैं, वे एक नई चेतना का सृजन कर रही हैं। यह विश्रामगृह नहीं, सेवा गृह है-जहां विधायक सुविधाओं के साथ जनकल्याण की योजनाओं पर गंभीरता से चिंतन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए विधायक विश्रामगृह में जल संरक्षण (वाटर हार्वेस्टिंग), अग्निशमन प्रणाली (फायर अलार्म), योग केंद्र, स्विमिंग पूल जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि ह्लदूसरे चरण के निर्माण की तैयारी जल्द प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने बताया कि बजट में प्रत्येक विधायक कार्यालय के लिए 5 लाख की राशि स्वीकृत की गई है ताकि जनप्रतिनिधि तकनीकी और आधुनिक संसाधनों से लैस होकर जनता की सेवा कर सकें। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी मौजूद रहे।

देव स्थलों में सामाजिक समरसता की भावना को किया जा साकार
मुख्यमंत्री ने बाबा महाकाल की सवारी और एकादशी पर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि आज का दिन बाबा महाकाल की दूसरी सवारी का दिन है। हमारी सरकार ने प्रदेश को धार्मिक दृष्टि से नई पहचान दी है। बाबा महाकाल हमारे रोम-रोम में हैं। देव स्थलों में सामाजिक समरसता की भावना को भी साकार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने संविधान निमार्ता डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने देश को संसदीय प्रणाली दी और शिक्षा को सबसे बड़ा शस्त्र बताया। तीन तलाक पर कोर्ट ने जो निर्णय दिया, वह महिलाओं की गरिमा के लिए आवश्यक था। मुस्लिम महिलाओं के जीवन की चिंता सरकार ने की है।

विधानसभा को ई-विधानसभा बनाना अगला प्रयास
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बदलते समय में मूलभूत सुविधाएं प्रत्येक जनप्रतिनिधि के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि 1958 में यह भवन बना था और मेरा जन्म 1957 में हुआ था। समय के साथ यह भवन अब अपनी उपयोगिता खो चुका है, नए भवन की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताते हुए कहा कि हमारे राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सीएम लगातार प्रयासरत हैं। वे चुनौतियों को स्वीकार कर प्रदेश में निवेश और औद्योगिक विकास को गति देने विदेश यात्राओं पर गए। उन्होंने कहा कि अब अगला प्रयास विधानसभा को ई-विधानसभा के रूप में विकसित करने का है।

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